पटना , अक्टूबर 10 -- रेलवे ने पटना जंक्शन परिसर में केले की बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगा दी है।

रेल प्रशासन का तर्क है कि छिलके वाले फलों, खासकर केले से प्लेटफार्म और स्टेशन परिसर में गंदगी फैल रही थी, जिससे स्वच्छता बनाये रखना मुश्किल हो रहा था।

रेलवे की ओर से जारी आदेश के अनुसार अब जंक्शन परिसर में केवल 12 निर्धारित फलों की ही बिक्री की अनुमति होगी, जिनमें सभी या तो बिना छिलके के खाने योग्य हैं या फिर छिलके से गंदगी फैलने की संभावना कम होती है। जिन 12 फलों की बिक्री की अनुमति दी गयी है उनमें सेब, अंगूर, ककड़ी, अमरूद, खीरा, अनार, अनानास, खजूर, पपीता (कटा हुआ और साबुत), संतरा, आम और पपीता साबुत शामिल हैं।

रेलवे अधिकारियों के अनुसार, स्टेशन परिसर की साफ-सफाई को लेकर यह कदम उठाया गया है। छिलके वाले फल, विशेष रूप से केला, प्लेटफॉर्म पर गंदगी फैलाने का प्रमुख कारण बन रहा था, जिससे यात्रियों को असुविधा हो रही थी और स्वच्छ भारत मिशन के मानकों पर भी असर पड़ रहा था।

एक आकलन के मुताबिक, पटना जंक्शन से रोजाना 285 से ज्यादा ट्रेनों की आवाजाही होती है और करीब सवा लाख से अधिक यात्री यहां से गुजरते हैं। यात्रियों के बीच सबसे ज्यादा पसंद किये जाने वाले फलों में केला अव्वल रहा है, क्योंकि यह सस्ता, पौष्टिक और आसानी से उपलब्ध होता है, लेकिन अब यह विकल्प उन्हें स्टेशन परिसर में उपलब्ध नहीं होगा।

रेलवे ने फल विक्रेताओं को नियंत्रित दामों की सूची और फल बेचने के स्पष्ट दिशा- निर्देश सौंप दिये हैं। यदि कोई विक्रेता तय नियमों का उल्लंघन करता पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी।

अधिकारियों ने बताया कि यह निर्णय यात्रियों की सुविधा और स्वच्छ वातावरण सुनिश्चित करने के लिये लिया गया है। साथ ही यात्रियों से भी अपील की गई है कि वे स्टेशन परिसर को स्वच्छ बनाये रखने में सहयोग करें।

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