चंडीगढ़ , दिसंबर 21 -- पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने रविवार को कहा कि छात्रों को करियर मार्गदर्शन के समान अवसर प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, पंजाब सरकार ने सरकारी स्कूल शिक्षा प्रणाली में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) आधारित करियर मार्गदर्शन को एकीकृत करने की एक अनूठी पहल शुरू की है।

श्री बैंस ने नंगल के सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल और श्री आनंदपुर साहिब के सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल (गर्ल्स) में एक साथ इन प्रयोगशालाओं का उद्घाटन करके इस पहल की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि प्रायोगिक चरण के तहत, सरकारी और पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड (पीएसईबी) से संबद्ध स्कूलों में 25 एआई आधारित करियर मार्गदर्शन प्रयोगशालाएं शुरू की गई हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा-तकनीक साझेदार "बियॉन्ड मेंटर" के सहयोग से कार्यान्वित यह कार्यक्रम राज्य के विद्यार्थियों को निःशुल्क करियर मार्गदर्शन प्रदान करेगा।

श्री बैंस ने कहा कि पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत आने वाले 25 विद्यालयों के प्रदर्शन, छात्रों के परिणामों और कार्यकुशलता पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। इस पहल के सफल कार्यान्वयन से पंजाब भर में इसके चरणबद्ध विस्तार का मार्ग प्रशस्त होगा, जिससे पंजाब सार्वजनिक शिक्षा प्रणाली में नियोजित एआई-आधारित करियर मार्गदर्शन को शामिल करने वाले देश के अग्रणी राज्यों में से एक बन जाएगा।

शिक्षा मंत्री ने एआई-आधारित प्रयोगशालाओं की कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि छात्रों को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर एआई-आधारित योग्यता और रुचि मूल्यांकन प्रक्रिया से गुजरना होगा। यह प्रणाली एक व्यक्तिगत कैरियर रिपोर्ट तैयार करेगी, जिसमें छात्र की संभावित शैक्षणिक और व्यावसायिक रुचियों को उजागर किया जाएगा। इसके बाद पेशेवर सलाहकार छात्रों के साथ व्यक्तिगत सत्र आयोजित करेंगे, जिसमें अभिभावकों के साथ रिपोर्ट पर चर्चा करके एक कार्ययोजना तैयार की जाएगी।उन्होंने कहा कि इस मॉडल को पारंपरिक तरीकों से अलग तरीके से डिजाइन किया गया है ताकि छात्रों की रुचियों के अनुसार प्रारंभिक चरण - छठी कक्षा से ही व्यक्तिगत, डेटा-आधारित मार्गदर्शन प्रदान किया जा सके।

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