सांबा/ अमृतसर , अक्टूबर 08 -- जम्मू-कश्मीर के सांबा ज़िले की विजयपुर तहसील के कौलपुर गांव में गुरुद्वारा सिंह सभा में उसी गांव के निवासी मंजीत के श्री गुरु ग्रंथ साहिब के पांच पावन स्वरूपों पर तेल डालकर उन्हें जलाये जाने के मामले में कड़ा नोटिस लेते हुए मंगलवार रात को श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज्ज ने स्वयं मौके पर पहुंचकर मामले की गहन जांच की।
जत्थेदार गड़गज्ज ने कहा कि यह घटना बेहद शर्मनाक और दर्दनाक है। इस मामले में सख्त कार्रवाई करते हुए जत्थेदार गड़गज्ज ने इस गुरुद्वारा सिंह सभा कौलपुर की मौजूदा प्रबंधक कमेटी के पदाधिकारियों और सदस्यों तथा उनके पारिवारिक सदस्यों को आजीवन गुरु घर का प्रशासक बनने पर प्रतिबंध लगा दिया है। उन्होंने दुनिया भर में रहने वाले गुरुद्वारा साहिबों के प्रशासकों और कमेटियों से आग्रह किया कि वे गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटियों के अध्यक्ष, सदस्य, सचिव बनने की बजाय गुरु घर के सच्चे सेवक बनें और सेवा भावना से हर गुरुद्वारा साहिब में 24 घंटे सुरक्षा सुनिश्चित करें।
जत्थेदार ने कहा कि गुरुद्वारा साहिब में हर समय सुरक्षा अनिवार्य है, जिसके संबंध में श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा पहले भी निर्देश जारी किये जा चुके हैं और इसमें किसी भी प्रकार की ढिलाई पर सख्त कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब में गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटियों के आपसी विवाद और पदों को लेकर विवाद के कई मामले हैं। जरूरी है कि हम इन मुद्दों से ऊपर उठें और गुरु साहिब के मान-सम्मान के लिए पदों की महत्वाकांक्षाओं को त्याग कर सच्चे सेवक बनें और उनकी सेवा करें।
इस घटना की सूचना मिलते ही जत्थेदार गड़गज्ज ने बुधवार सुबह सांबा के लिए रवाना हुए और वहां पहुंचकर घटना स्थल का पूरा निरीक्षण किया तथा गुरुद्वारा साहिब में रोष स्वरूप एकत्रित हुई स्थानीय संगत को संबोधित करते हुए अपने विचार व्यक्त किये। इस घटना में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के चार पावन स्वरूप पूरी तरह जल गये, जबकि एक स्वरूप बुरी तरह जल गया।
उल्लेखनीय है कि इस घटना को लेकर हुए भारी रोष में कौलपुर गांव में मंजीत के घर को स्थानीय संगत ने जत्थेदार के सांबा पहुंचने से पहले ही जला दिया था और बाद में उसे बुलडोजर से गिरा दिया गया था। गुरुद्वारा साहिब में संगत के एकत्र होने के दौरान जिला सांबा की उपायुक्त आयुषी सूदन, जम्मू-सांबा-कठुआ रेंज के पुलिस उपमहानिरीक शिव कुमार शर्मा और अन्य स्थानीय प्रशासन एवं पुलिस अधिकारी भी पहुंचे, जिनकी मौजूदगी में जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज्ज ने कहा कि सिख श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी को कभी बर्दाश्त नहीं कर सकते और मंजीत द्वारा किया गया अपराध अक्षम्य है। उन्होंने कहा कि स्थानीय सिख संगत ने विरोध स्वरूप आरोपी मंजीत का घर गिराया है, क्योंकि उसने इस अपराध से देश-विदेश में रह रहे सिखों के दिलों को गहरी ठेस पहुंचाई है। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को स्पष्ट तौर पर कहा कि अगर सिखों द्वारा विरोध स्वरूप आरोपी का घर गिराने की कार्रवाई में किसी भी सिख के खिलाफ कोई कार्रवाई की गयी तो सिख इसका विरोध करेंगे और जरूरत पड़ी तो खालसा पंथ यहां मोर्चा भी लगायेगा।
जत्थेदार गड़गज्ज ने कहा कि हालांकि आरोपी मंजीत को पुलिस ने कुछ घंटों बाद ही पकड़ लिया, लेकिन पता चल रहा है कि इस मामले में दो और लोग भी शामिल हैं, उन्हें भी तुरंत गिरफ्तार कर कार्रवाई की जाये। जत्थेदार ने कहा कि कौलपुर गांव के गुरुद्वारा साहिब के प्रबंधन में कई बड़ी कमियां पायी गयी हैं, गुरु घर की सुरक्षा के लिए कोई गार्ड नहीं है, आरामदायक जगह सहित इमारत पर शीशे लगे हैं, जो पूरी सुरक्षा प्रदान नहीं करते हैं, कोई भी शीशे तोड़कर अंदर घुस सकता है जैसा कि इस मामले में हुआ।
इस अवसर पर, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति का एक प्रतिनिधिमंडल इस घटना की पूरी जानकारी और कार्रवाई के लिए विशेष रूप से सांबा पहुंचा, जिसमें शिरोमणि समिति के सदस्य गुरमीत सिंह बूह, धर्म प्रचार समिति के सदस्य भाई अजैब सिंह अभयसी और सचिव प्रताप सिंह शामिल थे। इससे पहले, शिरोमणि समिति के सिख मिशन जम्मू के प्रभारी भाई हरबिंदर सिंह ने मामले की पूरी जांच करने के लिए सुबह-सुबह कौलपुर गांव पहुंचकर संगत के सहयोग से जले हुए पवित्र स्वरूपों की सुध ली।
शिरोमणि कमेटी के सचिव प्रताप सिंह ने बताया कि अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी के निर्देशानुसार, सिख संगठन का एक प्रतिनिधिमंडल इस अत्यंत दुखद घटना की जांच के लिए सांबा पहुंचा और यहां प्रशासन से बातचीत की। उन्होंने बताया कि प्रशासन से अनुरोध किया गया है कि गिरफ्तार आरोपी मंजीत और इस घटना में शामिल अन्य सभी आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार कर उन्हें कड़ी से कड़ी सज़ा दी जाये और आरोपियों के घर गिराए जाने के मामले में किसी भी सिख के खिलाफ कोई कार्रवाई न की जाये।
उन्होंने बताया कि जले हुए पवित्र स्वरूपों को विधिवत गुरुद्वारा श्री गोइंदवाल साहिब भेज दिया गया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है।
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