अमृतसर , दिसंबर 21 -- शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने रविवार को न्यूजीलैंड में सिखों के शांतिपूर्ण नगर कीर्तन को लेकर कुछ स्थानीय लोगों के विरोध पर प्रतिक्रिया करते हुए कहा कि ऐसा करना बेहद दुखद और चिंताजनक है।
एसजीपीसी अध्यक्ष धामी ने इस मामले पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि सिख समुदाय ने हमेशा विश्व समुदाय के कल्याण, शांति, सहिष्णुता और प्रगति में अनुकरणीय योगदान दिया है, लेकिन इसके बावजूद सिखों की धार्मिक परंपराओं को घृणा की दृष्टि से देखना अत्यंत निंदनीय है।
एडवोकेट धामी ने कहा कि सिख धर्म की नींव सर्व कल्याण, भाईचारा और मानवता की सेवा पर आधारित है। नगर कीर्तन सिख धर्म की एक पवित्र धार्मिक परंपरा है जो समाज में आपसी समझ, प्रेम और एकता का संदेश देती है। ऐसे धार्मिक आयोजनों का विरोध करना गुरुओं के सार्वभौमिक संदेश पर सीधा प्रहार है। उन्होंने कहा कि विश्व भर के विभिन्न देशों में रहने वाला सिख समुदाय हमेशा स्थानीय लोगों के साथ सद्भाव से रहा है और प्रत्येक देश के कानूनों और स्थानीय संस्कृति का पूर्ण सम्मान करता है। सिख आयोजनों के दौरान लंगर और निस्वार्थ सेवा के माध्यम से मानवता के कल्याण का संदेश दिया जाता है, जिससे सामाजिक एकता मजबूत होती है।
एसजीपीसी अध्यक्ष ने न्यूजीलैंड और केन्द्र सरकार से इस मामले पर गंभीरता से ध्यान देने और सिख समुदाय को उनके धार्मिक अधिकारों के अनुसार कार्यक्रम आयोजित करने के लिए सुरक्षित और सहायक वातावरण प्रदान करने की अपील की। उन्होंने कहा कि धार्मिक स्वतंत्रता और आपसी सम्मान किसी भी बहुसांस्कृतिक समाज की सच्ची पहचान है। उन्होंने कहा कि गुरु की शिक्षाओं के मार्गदर्शन में इस मुद्दे से निपटने के प्रयास किए जाने चाहिए और कटुता का माहौल नहीं बनना चाहिए।
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