कोलकाता , नवंबर 23 -- वैज्ञानिकों ने भारतीय नेवलों की सभी प्रजातियों के लिए एक बाल-आधारित पहचान प्रणाली प्रकाशित की है जो उनकी तस्करी और उनके अवैध शिकार पर रोक लगाएगी। इस अध्ययन का विचार भारतीय प्राणी सर्वेक्षण (जेडएसआई) के वैज्ञानिक एम. कमलकन्नन ने दिया है और उन्होंने ही इसका सह-नेतृत्व किया है।

भारत में नेवले की कई प्रजातियां- छोटा भारतीय नेवला, भारतीय 'ग्रे' नेवला, भारतीय भूरा नेवला, सुर्ख नेवला, रूडी नेवला, केकड़ा खाने वाला नेवला और धारीदार गर्दन वाला नेवला आदि पायी जाती हैं। ये छोटे मांसाहारी स्तनधारी चूहों, सांपों, पक्षियों और अन्य जानवरों की आबादी को नियंत्रित कर पर्यावरण को संतुलित करने में अहम भूमिका निभाते हैं। भारतीय प्राणी सर्वेक्षण (जेडएसआई) की निर्देशक धृति बनर्जी के अनुसार उनके पर्यावरणीय महत्व के बावजूद उन्हें गैर-कानूनी वन्यजीव व्यापार का भारी दबाव का सामना करना पड़ता है। यह मुख्य रूप से उच्च गुणवत्ता के पेंट ब्रश में इस्तेमाल होने वाले नेवले के बालों की मांग से प्रेरित है।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित