श्रीनगर, 01दिसंबर (वार्ता) सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के कश्मीर फ्रंटियर ने सोमवार को कहा कि उसने सेना के साथ गहन तालमेल के चलते नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ की हर कोशिश को न केवल नाकाम किया, बल्कि ऑपरेशन सिंदूर के ज़रिए पाकिस्तानी चौकियों और आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए गए और भारी नुकसान पहुँचाया गया।
श्रीनगर के बाहरी इलाके हुमहामा में वार्षिक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए बीएसएफ कश्मीर फ्रंटियर के महानिरीक्षक अशोक यादव ने कहा कि बल भारतीय सेना के साथ तालमेल बिठाकर कश्मीर में नियंत्रण रेखा के 343 किलोमीटर क्षेत्र पर प्रभावी रूप से प्रभुत्व जमाए हुए है।
श्री यादव ने कहा कि इस वर्ष बल ने बड़ी संख्या में ऑपरेशनल उपलब्धियाँ हासिल कीं, जो सेना और अन्य सहयोगी एजेंसियों के साथ घनिष्ठ समन्वय और तालमेल से हासिल की गईं। बीएसएफ ने सेना के साथ मिलकर नियंत्रण रेखा पर प्रभावी और प्रभावशाली प्रभुत्व सुनिश्चित किया, जिससे इस वर्ष कश्मीर घाटी से घुसपैठ की सभी कोशिशें नाकाम कर दी गईं।"उन्होंने कहा कि 2025 के दौरान बीएसएफ और सेना की संयुक्त टीमों की सीमा पर कड़ी निगरानी के चलते चार प्रयासों में आठ घुसपैठिए मारे गए।
ऑपरेशन सिंदूर को इस वर्ष बल की सबसे उल्लेखनीय उपलब्धि बताते हुए श्री यादव ने कहा कि 6 से 10 मई तक चलाए गए पहले चरण में पाकिस्तानी चौकियों और आतंकवादी ठिकानों पर समन्वित गोलाबारी की गई। उन्होंने कहा, "भारतीय सेना के साथ मिलकर बीएसएफ इकाइयों ने नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी चौकियों और आतंकवादी ठिकानों पर प्रभावी ढंग से गोलाबारी की और मज़बूत, सटीक और पेशेवर प्रतिक्रिया दिखाई। कश्मीर फ्रंटियर की सभी बीएसएफ इकाइयों, जिनमें आर्टिलरी रेजिमेंट भी शामिल हैं, ने दुश्मन की चौकियों और बंकरों पर भारी और सटीक गोलाबारी की, जिससे पाकिस्तानी सैनिकों को भारी नुकसान हुआ, उनकी अग्रिम चौकियों को भारी नुकसान पहुँचा और नियंत्रण रेखा पर आतंकवादियों के कुछ ठिकानों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया।"उन्होंने कहा कि चुनौतीपूर्ण भूभाग और भारी दुश्मन गोलाबारी के बीच इस अभियान की प्रभावशीलता और क्रियान्वयन के लिए प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, रक्षा मंत्री और विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुखों ने इसकी सराहना की।
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