नयी दिल्ली , अक्टूबर 01 -- भारत सरकार के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (एमओएफपीआई) के अंतर्गत आने वाले राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमिता एवं प्रबंधन संस्थान, कुंडली (निफ्टेम-के) ने बुधवार को विश्व खाद्य भारत-2025 में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के अग्रणी संगठनों, उद्योग भागीदारों और शैक्षणिक संस्थानों के साथ नौ रणनीतिक समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। शिक्षा जगत और उद्योग जगत के बीच की कड़ी को मजबूत करने के लिए निफ्टेम-के ने अपने वैज्ञानिकों द्वारा विकसित सात नयी तकनीकों को प्रतिष्ठित कंपनियों को हस्तांतरित किया। जिससे शिक्षा जगत और उद्योग जगत के बीच की कड़ी और मजबूत हुई है।एमओएफपीआई के सचिव एपी दास जोशी और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण हुआ । इस अवसर पर निफ्टेम-के के निदेशक डॉ. हरिंदर सिंह ओबेरॉय ने साझेदारों के साथ लाइसेंस और समझौता ज्ञापनों की प्रतियों का आदान-प्रदान किया।
कार्यक्रम में निम्न कपंनियों के साथ समझौता हुआ, आरडीज़ बेकरी के लिए इंस्टेंट कम्पोजिट बाजरा-आधारित खीर प्रीमिक्स, चयापचय विकारों और प्रोबायोटिक उत्पादों के आहार प्रबंधन के लिए उच्च पोषक तत्व वाले रेडी-टू-ईट बार और हेक्सागन न्यूट्रिशन लिमिटेड को उच्च क्षमता वाले पोषक तत्व, एआरएफ लाइफ साइंसेज को रैपिड कैटल प्रेगनेंसी किट और रैपिड पनीर मिलावट किट, एगलेस केक प्रीमिक्स तकनीक क्रॉप प्योर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी, मिलेट पफ्स कंपनी यसबी फूड्स प्राइवेट लिमिटेड को बेचा गया, सक्षम आंगनवाड़ी और मिशन पोषण 2.0 पहल इंटरलिंक फूड्स प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया, जीवनमित्र न्यूट्रास्युटिकल्स प्राइवेट लिमिटेड को अकिण्वित (अनफरमेंटेड) मेयो।
इसके अलावा सहयोगात्मक प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया, द गुड फूड इंस्टीट्यूट, आलमंड बोर्ड कैलिफोर्निया, डैनोन इंडिया, क्लियर मीट प्राइवेट लिमिटेड, गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (ग्रेटर नोएडा), इंस्टीट्यूट ऑफ बायोरिसोर्सेज एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट (इम्फाल), रेजुवोम थेरेप्यूटिक्स (बेंगलोर) और इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलियरी साइंसेज (नई दिल्ली) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
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