दरभंगा , नवंबर 29 -- बिहार में दरभंगा जिले की एक अदालत ने नाबालिग से दुष्कर्म के जुर्म में एक युवक को 20 वर्षों के सश्रम कारावास और 30 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।
बच्चों का लैंगिक अपराध से संरक्षण (पॉक्सो) के विशेष लोक अभियोजक विजय कुमार पारिजात ने बताया कि पॉक्सो के विशेष न्यायाधीश प्रोतिमा परिहार की अदालत ने एक नाबालिग से दुष्कर्म करने के जुर्म में जिले के रैयाम थाना क्षेत्र के पचाढी निवासी कुशो चौपाल के पुत्र मनटून चौपाल को 20 वर्ष सश्रम कारावास और 30 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।
श्री कुमार ने बताया कि वर्ष 2018 में पीड़िता घास काटने गई थी, जहां अभियुक्त ने उसके साथ दुष्कर्म किया। फिर एक माह बाद वह घास लाने गई तो अभियुक्त ने उसके साथ पुनः दुष्कर्म किया एवं धमकी दी कि यदि किसी को वह यह बात बतायेगी तो उसकी हत्या कर दी जायेगी। इस घटना के छह माह बाद पीड़िता के माता-पिता को पता चला कि वह गर्भवती है। इस बारे में पीड़िता ने सारी बातें घर वालों को बताई। इसके बाद संबंधित थाना में 26 सितंबर 2018 को प्राथमिकी दर्ज की गई। पुलिस ने 16 दिसंबर 2018 को अभियुक्त चौपाल के विरुद्ध न्यायालय में आरोप पत्र समर्पित किया। इसके बाद 12 फरवरी 2019 को न्यायालय ने अभियुक्त के विरुद्ध भारतीय दंड विधान की धारा 376 (2) / 34 एवं 4/6 पॉक्सो अधिनियम के तहत संज्ञान लिया। वहीं आठ मई 2019 को न्यायालय में दुष्कर्मी के विरूद्ध भारतीय दंड विधान (भा.द.वि) की धारा 376(डी), 376(2) और 6 पॉक्सो अधिनियम में आरोप गठन किया गया। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष से कुल पांच गवाहों की गवाही कराई गई।शनिवार को अदालत ने इस केस की सूनवाई पूरी कर जुर्मी को पॉक्सो अधिनियम की धारा 6 में 20 वर्षों का सश्रम कारावास और 10 हजार रूपया का अर्थदंड, भा.द.वि की धारा 376(2) में 10 वर्षों का कारावास और 10 हजार रुपये तथा धारा 8 पॉक्सो अधिनियम में सात वर्षों की सजा और 10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।अभियुक्त की सभी सजाएं साथ-साथ चलेगी।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित