नयी दिल्ली , अक्टूबर 11 -- केन्द्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने शनिवार को भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आईआईपीए) में भारतीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग (आईटीईसी) कार्यक्रम के तहत 19 देशों के प्रतिनिधियों के साथ संवाद के दौरान कहा किभारत की शासन प्रणाली और तकनीक आधारित नवाचारों का प्रदर्शन विश्व स्तर पर सराही जा रही है।

डा. सिंह ने कहा कि भारत में आधार-सक्षम डिजिटल पहचान प्रणाली और प्रधानमंत्री गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान जैसे प्रयासों ने पारदर्शिता, गति और दक्षता के साथ सेवा वितरण में क्रांतिकारी परिवर्तन लाया है।

डॉ. सिंह ने प्रतिभागियों से आग्रह किया कि वे अपने-अपने देशों के श्रेष्ठ प्रशासनिक और तकनीकी नवाचार साझा करें ताकि परस्पर सीख और सहयोग से वैश्विक सुशासन को सशक्त किया जा सके। उन्होंने कहा, "आज भारत का शासन मॉडल नवाचार पर आधारित है। केंद्र सरकार के लगभग 90 प्रतिशत कार्य ऑनलाइन होते हैं, जिससे महामारी के समय भी कार्य निरंतर जारी रहा। तकनीक अब पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने का सबसे प्रभावी माध्यम बन चुकी है।"उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शासन प्रणाली में दक्षता और नवाचार को प्राथमिकता दी जा रही है। आईटीईसी कार्यक्रम के माध्यम से अब तक 2,500 से अधिक विदेशी अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया है, जिसमें इस सत्र में 19 देशों के 34 प्रतिनिधि शामिल हैं।

प्रतिभागियों के साथ बातचीत के दौरान डॉ. सिंह ने भारत के स्मार्ट ट्रैफिक मॉनिटरिंग सिस्टम और ऑनलाइन प्रवर्तन तंत्र को बेहतर प्रशासन के उदाहरण के रूप में साझा किया। उन्होंने प्रतिनिधियों से अपील की कि वे भारत लौटने के बाद भी आईआईपीए और विदेश मंत्रालय से वर्चुअल संपर्क बनाए रखें।

इस अवसर पर मंत्री ने विदेशी प्रतिनिधियों के साथ 'स्वच्छता ही सेवा' अभियान और 'एक पेड़ मां के नाम' वृक्षारोपण कार्यक्रम में भी भाग लिया। उन्होंने कहा कि पर्यावरणीय जागरूकता और जनभागीदारी ही सतत विकास की कुंजी है।

कार्यक्रम के अंत में डॉ. सिंह ने कहा कि आईटीईसी जैसे कार्यक्रम प्रधानमंत्री मोदी के साझा विकास और सामूहिक नवाचार के दृष्टिकोण को साकार करने का माध्यम हैं।

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