बैतूल, सितंबर 30 -- मध्यप्रदेश में बैतूल जिले की हरियाली से घिरी वादियों में स्थित चिचोली ब्लॉक के गोधना गांव में स्थित मां चंडी का मंदिर करीब 1400 साल पुराना धार्मिक स्थल माना जाता है।

यह दरबार न केवल स्थानीय लोगों के बीच आस्था का बड़ा केंद्र है, बल्कि रहस्यों और चमत्कारों से भी जुड़ा होने का दावा किया जा रहा है। यहां मां चंडी की प्रतिमा स्वयंभू मानी जाती है। स्थानीय लोगों का विश्वास है कि यहां सच्चे मन से की गई प्रार्थना कभी व्यर्थ नहीं जाती। लोककथाओं के अनुसार, जब भी प्रतिमा को स्थानांतरित करने का प्रयास हुआ, तो विपत्तियां आईं। तभी से यह दरबार चमत्कारी माना जाने लगा।

इतिहासकारों का कहना है कि इस क्षेत्र पर गोंड राजा इल का शासन था और मां चंडी उनकी कुलदेवी थीं। कहा जाता है कि राजा ने मंदिर तक पहुंचने के लिए गुप्त सुरंग बनवाई थी। आज भी मंदिर परिसर में दो प्राचीन देवल कमरे मौजूद हैं। श्रद्धालु बताते हैं कि एक कमरे में आवाज असामान्य रूप से गूंजती है, जबकि दूसरे में सामान्य रहती है।

हालांकि मंदिर परिसर के साथ जुड़े किले और देवल की हालत बेहद खराब हो चुकी है। दीवारों में दरारें, टूटे स्तंभ और उगे पेड़-पौधे इन्हें खंडहर बना रहे हैं। स्थानीय संगठन और आदिवासी समाज लगातार प्रशासन से जीर्णोद्धार की मांग कर रहे हैं।

सामाजिक कार्यकर्ता मोटू सिंह का कहना है कि इतिहास और आस्था से जुड़े इस स्थल का संरक्षण बेहद जरूरी है। अगर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो यह धरोहर आने वाली पीढ़ियों के लिए केवल कहानी बनकर रह जाएगी।

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