बेंगलुरु, सितंबर 27 -- द आर्ट ऑफ लिविंग कर्नाटक के नाजुक जलमार्गों को पुनर्जीवित करने में लगा हुआ है और इसने दक्षिण पिनाकिनी (दक्षिण पेन्नार) नदी के पुनर्जीवन में एक बड़ी सफलता हासिल की है।

इस संस्था के प्रयास से मात्र आठ महीनों में 76 रिचार्ज संरचनाएं बनाई गई हैं और अब ये पूरी तरह कार्यरत हैं। यह संस्था वर्षा जल को संग्रहित करके भूजल स्तर को बढ़ा रही हैं, जिससे नदी और उस पर निर्भर समुदायों को जीवन और जीविका मिल रही है।

द आर्ट ऑफ लिविंग के प्रमुख श्री श्री रविशंकर से प्रेरित इस पहल का लक्ष्य नदी के बारहमासी प्रवाह को बहाल करना, जल सुरक्षा को मजबूत करना और कर्नाटक व तमिलनाडु में पारिस्थितिक तंत्र का पुनर्जीवन करना है।

यह परियोजना कर्नाटक सरकार के ग्रामीण विकास और पंचायत राज विभाग (आरडीपीआर) और कॉर्पोरेट साझेदार आईटीसी लिमिटेड की साझेदारी में लागू की जा रही है, जिसमें वैज्ञानिक योजना और सक्रिय सामुदायिक भागीदारी है।

दक्षिण पिनाकिनी, जो ऐतिहासिक रूप से चोल, होयसला और विजयनगर राजवंशों द्वारा निर्मित टैंक-आधारित सिंचाई प्रणालियों को समर्थन देने वाली एक पवित्र नदी के रूप में जानी जाती थी, अब गंभीर चुनौतियों का सामना कर रही है।

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