रांची, 11अक्टूबर (वार्ता) झारखंड के चाईबासा के सारंडा जंगल में आईईडी विस्फोट में शहीद सीआरपीएफ के हेड कांस्टेबल महेंद्र लश्कर को रांची के धुर्वा स्थित सीआरपीएफ कैंप की 133वीं बटालियन में आज भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई।

झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार ने शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर अंतिम सलामी दी। इस मौके पर केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, झारखंड के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी), आईजी सीआरपीएफ समेत कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे और उन्होंने शहीद जवान के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की।

पुलिस मुख्यालय की जानकारी के अनुसार, यह हमला चाईबासा के मनोहरपुर प्रखंड के सारंडा जंगल में नक्सलियों के खिलाफ एक सघन अभियान के दौरान हुआ। इनामी नक्सलियों की सक्रियता को देखते हुए सीआरपीएफ जवान नक्सलियों की धरपकड़ में लगे थे कि इसी बीच शुक्रवार को आईईडी विस्फोट हो गया। इस विस्फोट में सीआरपीएफ के इंस्पेक्टर समेत तीन जवान गंभीर रूप से घायल हुए थे, जिनमें हेड कांस्टेबल महेंद्र लश्कर भी शामिल थे।

महेंद्र लश्कर असम के नौगांव के निवासी थे और वे 60 बटालियन में तैनात थे। गंभीर रूप से घायल होने पर उनका इलाज राउरकेला के अस्पताल में किया जा रहा था, जहां इलाज के दौरान उन्होंने वीरगति प्राप्त की।

राज्यपाल श्री गंगवार ने शहीद महेंद्र लश्कर के बलिदान को याद करते हुए कहा कि हमारी रक्षा के लिए हमारे जवानों का यह त्याग और साहस राष्ट्र के लिए कभी भुलाया नहीं जा सकता।

श्रद्धांजलि सभा के पश्चात शहीद महेंद्र लश्कर का पार्थिव शरीर उनके पैतृक राज्य असम भेजा जाएगा। वहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

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