देहरादून, सितंबर 29 -- उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को देहरादून के परेड ग्राउंड में आंदोलन कर रहे युवाओं के बीच पहुंचकर उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की पिछले सप्ताह आयोजित परीक्षा प्रकरण की सीबीआई जांच कराने पर सहमति दे दी है।
श्री धामी आज दोपहर बाद अचानक, परेड ग्राउंड में आंदोलनरत युवाओं के बीच पहुंच गए। यहां उन्होंने युवाओं का पक्ष सुनने के बाद कहा कि युवा इस त्योहारी सीजन में इतनी गर्मी के बीच आंदोलन कर रहे हैं, इससे खुद उन्हें भी अच्छा नहीं लग रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार का एक ही संकल्प है कि परीक्षा प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी होनी चाहिए। विगत चार साल में सरकार ने इसी संकल्प के अनुसार काम किया है।
मुख्यमंत्री ने युवाओं से भावुक अपील करते हुए कहा कि वो जानते हैं कि उत्तराखंड के युवा और छात्र पढ़ाई के बाद सरकारी नौकरी के लिए तैयारी करते हैं। इसी आधार पर, उनके पास जीवन के लिए खूबसूरत सपने होते हैं। उन्होंने कहा, "मैने खुद ऐसी परिस्थितियों को देखा है, छात्रों और युवाओं के बीच काम करते हुए, इसका अनुभव लिया है।"श्री धामी ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि विगत दिनों सामने आए प्रकरण की जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में एसआईटी द्वारा की जा रही है। कमेटी ने काम भी शुरु किया है, लेकिन फिर भी युवा सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं, इस कारण सरकार इस मामले में सीबीआई जांच की संस्तुति करेगी। इसमें कोई रुकावट नहीं आएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वो चाहते तो ये बातचीत कार्यालय में भी हो सकती थी, लेकिन युवाओं के कष्ट को देखते हुए, उन्होंने खुद धरना स्थल पर आने का निर्णय लिया है, वो पूरी तरह युवाओं के साथ हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछले चार साल में पारदर्शी तरीके से 25 हजार से अधिक सरकारी भर्तियां की है, इमसें कहीं कोई शिकायत नहीं आई है। सिर्फ एक प्रकरण में यह शिकायत आई है, इसलिए युवाओं के मन से हर तरह की शंका को मिटाने के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने ने कहा कि विगत सप्ताह भी जब युवा उनसे मिले थे तो उन्होंने तब ही स्पष्ट कर दिया था कि सरकार चाहती है कि युवाओं के मन में कोई अविश्वास, संदेह या शंका न रहे। इसलिए वो बिना किसी को बताए सीधे यहां परेड ग्राउंड में चले आए हैं।
श्री धामी ने यह भी कहा कि आंदोलन के दौरान, यदि युवाओं पर कहीं कोई मुकदमें दर्ज हुए हैं तो उन्हें वापस लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अमृत काल के विकसित भारत में उत्तराखंड देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बने, इसमें युवाओं की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
मुख्यमंत्री ने धरना दे रहे युवाओं को अत्यन्त भावपूर्ण तरीके से बातचीत करते हुए कहा कि अलग राज्य का सपना हमारे शहीदों और आंदोलनकारियों ने इसलिए साकार किया था, ताकि उत्तराखंड के हर बेटे-बेटी का जीवन बेहतर हो, किसी का अहित न हो। आज जब हमारे कुछ बच्चे सड़कों पर हैं, तो मैं उन्हें यही कहना चाहता हूँ कि वे भी हमारे अपने हैं, हमारे परिवार का हिस्सा हैं।
श्री धामी ने कहा कि प्रदेश का ''मुख्य सेवक'' होने के नाते, हर आवाज़ को सुनना, हर पीड़ा को समझना और हर दिल तक पहुँचना मेरा दायित्व है। आंदोलन कर रहे युवा भी हमारे अपने हैं।
इसलिए हमारी सरकार वर्ष 2023 में देश का सबसे पहला सख्त नकल विरोधी कानून लेकर आई, पर जैसा हमेशा होता रहा है। कुछ लोग कानून का उल्लंघन करते हैं, ऐसे हाकमो और उनके हाकिमों को हम इस बार ऐसा सबक सिखाएंगे कि ऐसे लोग कभी भूल नहीं पाएंगे।
उन्होंने कहा, "पर मैं अपने छात्रों को बता देना चाहता हूं कि किसी के साथ भेदभाव या मनभेद की भावना हमारे मन में कभी नहीं रही। हम सब एक परिवार हैं और परिवार का उद्देश्य परिवार के सभी सदस्यों का कल्याण होता है। मैं, सभी से आग्रह करता हूँ कि संवाद और विश्वास की राह पर आगे बढ़ें। हम मिलकर उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने के अपने "विकल्प रहित संकल्प" को मिलकर पूर्ण करेंगे।"इस दौरान, राजपुर क्षेत्र के विधायक खजान दास भी मौजूद रहे।
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