देहरादून , नवम्बर 25 -- उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को मुख्य सेवक सदन में आयोजित कार्यक्रम में "बिल लाओ-इनाम पाओ'' योजना के विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए।
एक सितंबर 2022 से 31 मार्च 2024 के बीच संचालित इस योजना के तहत कुल 1888 उपभोक्ताओं ने पुरस्कार जीते हैं। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने विजेताओं को बधाई देते हुए कहा कि योजना में प्रतिभाग करने वाले सभी लोगों ने राज्य के राजस्व संग्रहण को एक नई चेतना, एक नया दृष्टिकोण और एक नई ऊर्जा प्रदान की है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 में शुरु "बिल लाओ-इनाम पाओ" योजना राज्य सरकार का एक एक नवाचार था, जिसके द्वारा सरकार ने जन भागीदारी को राजस्व संग्रहण से जोड़ने का प्रयास किया। आज तीन वर्षों में "बिल लाओ-इनाम पाओ" योजना ने लोगों के बीच जागरुकता पैदा करने में कामयाबी हासिल की है। उन्होंने कहा कि योजना से जनता में ये समझ बनी है कि प्रदेश के विकास में प्रत्येक बिल एक योगदान है। योजना आज जहां एक ओर उपभोक्ता जागरूकता का सशक्त माध्यम बनी है, वहीं उपभोक्ता एवं व्यापारी वर्ग के बीच साझा जिम्मेदारी का प्रतीक भी बनकर उभरी है।
मुख्यमंत्री ने कहा, "पिछले 11 वर्षों में व्यापार, उद्यम, क्रिएटिविटी को साथ लेकर आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में देश ने एक नया विश्वास पैदा करने का प्रयास किया है। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व वाली डबल इंजन की सरकार में व्यापारियों को "प्रोत्साहन'' और "प्रॉफिट'' के साथ ही"प्रोटेक्शन'' भी मिला है।" उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भी इसी क्रम में "ईज ऑफ डूइंग बिजनेस" और "व्यापार सुधार कार्य योजना" के माध्यम से राज्य में निवेश और उद्यमिता के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करने का प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने राज्य में ''राजकोषीय अनुशासन'' को मजबूती से स्थापित किया है। इसी का परिणाम है कि राज्य राजकोषीय घाटे को निर्धारित सीमा के भीतर रखने में सफल रहा है। इस प्रयास को राष्ट्रीय स्तर पर भी सराहना मिली है, हाल ही में जारी "अरुण जेटली नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फाइनेंशियल मैनेजमेंट'' की रिपोर्ट में उत्तराखंड को "देश के सर्वश्रेष्ठ वित्तीय प्रबंधन वाले राज्यों'' में स्थान दिया गया है। इसके साथ ही "सतत विकास लक्ष्यों'' के राष्ट्रीय सूचकांक में भी "उत्तराखंड पूरे देश में शीर्ष स्थान'' पर है।
श्री धामी ने कहा कि जब जनता सरकार पर भरोसा करती है, और सरकार भी जनता के साथ पारदर्शी तरीके से व्यवहार करती है तो विकास की गति अपने आप कई गुना बढ़ जाती है। यही कारण है कि राज्य सरकार ने वित्तीय प्रबंधन के क्षेत्र में नवाचारों के अधिकतम प्रयोग पर बल दिया है। उन्होंने सभी से अपील की कि सभी लोग प्रत्येक खरीददारी पर बिल मांगकर लेनदेन की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने और राज्य के विकास में अपनी सक्रिय भागीदारी निभाने में सहयोग प्रदान करें।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रमुख सचिव आरके सुधांशु ने कहा कि योजना के तहत 90 हजार उपभोक्ताओं ने 270 करोड़ रुपए मूल्य के 6.5 लाख बिलों के साथ प्रतिभाग किया। आयुक्त कर, सोनिका ने बताया कि योजना के तहत कुल 1888 लोगों को पुरस्कार प्रदान किए गए। इसके अलावा 17 माह तक 1500 प्रति माह मासिक पुरस्कार भी प्रदान किए गए।
इस मौके पर विधायक सरिता कपूर, प्रमुख सचिव आरके सुधांधु, आयुक्त कर सोनिका, अपर आयुक्त अनिल सिंह सहित अन्य अधिकारी शामिल हुए।
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