देहरादून , नवम्बर 27 -- उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह ने गुरुवार को राजभवन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर केंद्रित युवा लेखिका संभावना पंत द्वारा संकलित पुस्तकों "पुष्कर धामीः हिमालय की जीवंत ऊष्मा" और "पुष्कर धामी: द वाइब्रेंट हीट ऑफ द हिमालयस" पुस्तक का विमोचन किया।
राज्यपाल ने पुस्तक की लेखिका संभावना पंत को साधुवाद देते हुए कहा कि बेटियां भगवान का स्वरूप होती हैं। उनके लेखन कला की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने अपने नाम संभावना के अनुरूप काम भी किया है। उन्होंने कहा कि किस तरह से इन पुस्तकों में लेखिका ने प्रशंसनीय काम किया है कि पहाड़ के संघर्षों से जूझता बालपन, दादा खेम सिंह के आदर्शों को आत्मसात करता हुआ एक युवक, माता की विनम्रता और शालीनता की शिक्षा और एक सैनिक पिता के दृढ़ता, कर्तव्य परायणता और अनुशासन में तपकर कैसे तैयार हुआ एक पुष्कर।
श्री सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में बड़े-बड़े ऐतिहासिक काम हुए हैं। राज्य आज प्रत्येक क्षेत्र में अग्रिम पंक्ति में खड़ा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 के विकसित भारत विजन के अनुरूप प्रत्येक क्षेत्र में राज्य में विकास कार्यों के नए-नए कीर्तिमान स्थापित किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अपने कार्यों से मुख्यमंत्री ने प्रदर्शित किया है कि वे एक फ्रंटलाइन लीडर हैं। राज्य में बड़ी-बड़ी आपदाओं चाहे सिलक्यारा हो, जोशीमठ हो या धराली से थराली, सभी जगह उन्होंने सबसे पहले प्रभावित लोगों के बीच में पहुंचकर उनकी पीड़ा पर मरहम लगाने का काम किया। उन्होंने प्रदेश की कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए कई ऐतिहासिक और दृढ़ निर्णय लिए हैं। उनके अंदर अनुशासन भी है, विनम्रता भी और करुणा भी। लेखिका द्वारा लिखित यह पुस्तक उनके इन कीर्तियों का सम्मान करती है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अपने बचपन के पगडंडियों और गाड़- गदेरों के अनुभवों को संक्षिप्त रूप में साझा किया। उन्होंने भावुक होकर अपनी माता जी के संघर्षों को याद करते हुए कहा कि एक सैनिक की पत्नी होने के नाते किस तरह से उन्होंने पहाड़ के जीवन को जिया। उन्होंने कहा कि मैनें जीवन में यह कभी नहीं सोचा था कि मैं कुछ बड़ा बनूंगा, लेकिन मेरे जीवन में ये जीवन्त ऊष्मा जरूर थी कि मैं समाज के लिए कुछ अच्छा करुंगा। उन्होंने पुस्तक विमोचन में पधारे सभी महानुभावों, प्रकाशकों और पुस्तक की लेखिका संभावना पंत को धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर परमार्थ निकेतन ऋषिकेश के स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि देश में और राज्य में आज भारत की एकता और अखंडता, उसके प्राचीन सांस्कृतिक गौरव और रीति-नीति को पोषित - पल्लवित करने तथा युवाओं, महिलाओं और समाज की मुख्यधारा से वंचित समुदायों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करने हेतु जो कार्य माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में हो रहे हैं उसी तरह के कार्य मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में प्रदेश में हो रहे हैं।
इस अवसर पर कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने अपने संबोधन में मुख्यमंत्री के कर्तव्य परायणता की प्रशंसा करते हुए कहा कि धामी जी समाज की, राष्ट्र की और देश- काल की वास्तविकताओं के अनुरूप निर्णय लेते हैं और कार्य करते हैं। उन्होंने लेखिका संभावना पंत को उनके इस लेखन कार्य के लिए साधुवाद दिया।
पुस्तक की लेखिका संभावना पंत ने पुस्तक के सार को संक्षिप्त रूप में व्यक्त करते हुए कहा कि यह पुस्तक श्री धामी के व्यक्तिगत गुणों, उनके आचरण और दूरदर्शी सोच को प्रतिबिंबित करती है। पुस्तक में मुख्यमंत्री के दादाजी, पिताजी और माताजी के उन संघर्षों को भी बयां किया गया है जिनके सानिध्य में वह पले-बढ़े। पुस्तक में मुख्यमंत्री के युवा अवस्था से लेकर राज्य के मुख्य सेवक के शीर्ष पद तक पहुंचने की गाथा भी है तथा उनकी नेतृत्वशीलता, दृढ़ता, विनम्रता और कर्मठता का भी समावेश है। उन्होंने पुस्तक को समर्पित करते हुए उपस्थित सभी अतिथियों, महानुभावों और जनमानस को धन्यवाद दिया।
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