धमतरी, अक्टूबर 02 -- छत्तीसगढ़ का धमतरी जिला अपनी भौगोलिक स्थिति, कृषि संपन्नता और संसाधनों की प्रचुरता के कारण अब औद्योगिक मानचित्र पर भी तेजी से पहचान बना रहा है। राजधानी रायपुर और औद्योगिक नगरी दुर्ग-भिलाई के निकट होने से यह जिला निवेश और औद्योगिक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र बनता जा रहा है। शासन और प्रशासन की सक्रियता से जिले में औद्योगिकीकरण की नई लहर दिखाई दे रही है।

हाल ही में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने धमतरी जिले के करेली बड़ी और भालूझूलन में फूड पार्क का शिलान्यास एवं लोकार्पण किया। ये फूड पार्क कृषि आधारित उद्योगों को नई दिशा देंगे और किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य दिलाने में सहायक होंगे। इसके अलावा करेली बड़ी, भालूझूलन और जामगांव में औद्योगिक क्लस्टरों का विकास किया गया है, जो रायपुर से निकटता के कारण निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं।

जिले में पांच औद्योगिक क्लस्टरों की योजना है। इनमें से तीन क्लस्टर शुरू हो चुके हैं जबकि शेष का भूमिपूजन जल्द किया जाएगा। इन क्लस्टरों से एमएसएमई (MSME) इकाइयों को मजबूती मिलेगी और युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार मिलेगा।

धान की प्रचुरता के कारण धमतरी को "धान का कटोरा" कहा जाता है। यहां राइस मिल, चावल आधारित प्रसंस्कृत उत्पाद, पैकेजिंग इकाइयाँ और बाय-प्रोडक्ट उद्योगों की अपार संभावनाएँ हैं। इसी दृष्टि से छाती और कचना में मेगा फूड पार्क की स्थापना का प्रस्ताव तैयार किया गया है। विशेष रूप से छाती क्षेत्र का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा गया है।

इन मेगा फूड पार्कों में धान, सब्ज़ी, दलहन और अन्य कृषि उत्पादों का आधुनिक तकनीक से प्रसंस्करण किया जाएगा। तैयार उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुँचाने की योजना है। इससे किसानों की आय बढ़ेगी और जिले की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।

औद्योगिक योजनाओं को गति देने में प्रशासन की भूमिका उल्लेखनीय है। कलेक्टर अबिनाश मिश्रा स्वयं क्रियान्वयन पर सतत् निगरानी रख रहे हैं और निवेशकों को हर संभव सहयोग दे रहे हैं।

वर्तमान में मेगा फूड पार्क बगौद (तहसील कुरूद) में औद्योगिक भूमि का आबंटन किया जा रहा है। यहाँ 13 उद्योग उत्पादन शुरू कर चुके हैं, जिनमें 63.84 करोड़ रुपये का निवेश हुआ और 236 लोगों को रोजगार मिला है। वहीं 25 उद्योग निर्माणाधीन हैं, जिनमें 116.59 करोड़ रुपये का निवेश एवं 446 रोजगार प्रस्तावित हैं।

मुख्यमंत्री ने हाल ही में करेलीबड़ी और भालूझूलन में क्रमशः 14 हेक्टेयर और 11 हेक्टेयर भूमि पर 19.38 करोड़ की लागत से औद्योगिक परियोजनाओं का शिलान्यास किया। जामगांव में 10 हेक्टेयर भूमि पर 6.43 करोड़ की लागत से औद्योगिक क्षेत्र का लोकार्पण भी किया गया। वहीं छाती और कचना क्षेत्र में औद्योगिक भूमि बैंक के लिए भूमि हस्तांतरित की गई है।

श्यामतराई में 8.83 हेक्टेयर भूमि पर औद्योगिक क्षेत्र लगभग तैयार है, जिसका लोकार्पण शीघ्र होगा। इसके अलावा 90 हेक्टेयर भूमि पर पाँच और औद्योगिक क्षेत्रों की तैयारी चल रही है। यह पूरा विकास कार्य रायपुर-धमतरी इकोनामिक कॉरिडोर का स्वरूप ले रहा है।

धमतरी की भौगोलिक स्थिति, कृषि संसाधन और रायपुर से निकटता इसे निवेश के लिए आदर्श स्थल बना रहे हैं। आने वाले समय में यहाँ खाद्य प्रसंस्करण, कृषि आधारित उद्योगों, एमएसएमई इकाइयों और बड़े औद्योगिक प्रतिष्ठानों की स्थापना से जिले का औद्योगिक स्वरूप और अधिक विकसित होगा।

मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व और कलेक्टर अबिनाश मिश्रा की सक्रियता से धमतरी में उद्योगों के लिए अनुकूल वातावरण तैयार हुआ है। कृषि और उद्योग के संगम से धमतरी का भविष्य बेहद उज्ज्वल है। उम्मीद है कि आने वाले समय में धमतरी छत्तीसगढ़ के औद्योगिक विकास की धुरी बनेगा।

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