पर्थ , नवम्बर 24 -- कुछ ही हफ़्ते पहले अच्छी कमाई की उम्मीद कर रहा क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया अब दो दिन में खत्म हुए एशेज के पहले टेस्ट की वजह से मुश्किल में है और बड़े घाटे का अनुमान लगाया जा रहा है।
ट्रैविस हेड की यादगार एशेज पारी और इंग्लैंड की बेतरतीब बेखौफ बल्लेबाजी का परिणाम यह रहा कि ऐतिहासिक एशेज सीरीज का पहला टेस्ट दो ही दिन में खत्म हो गया।
अब हाल यह है कि तीसरे और चौथे दिन की टिकट बिक्री से सीए को जो 17 करोड़ रूपए (लगभग) का राजस्व प्राप्त होना था, वह उन्हें नहीं मिलेगा।
पर्थ में दो दिन के खेल के दौरान दर्शकों की भीड़ जबरदस्त रही। कुल मिलाकर 1,01,514 लोग स्टेडियम पहुंचे। शुक्रवार को 51,531 दर्शक आए थे और अगले दिन 49,983 लोगों ने मैच देखा। यह आंकड़ा पिछले साल के 96,463 दर्शकों वाले रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ गया। उस बार भारत ने पर्थ में चार दिन में जीत हासिल की थी। तीसरे दिन के टिकट भी लगभग पूरी तरह बिक चुके थे।
अपनी पारी के बाद ट्रैविस हेड ने कहा कि उन्हें उन दर्शकों के लिए बुरा लग रहा है जो तीसरे दिन आने वाले थे। उनका मानना था कि रविवार को भी स्टेडियम एक बार फिर भर जाता।
शनिवार सुबह खेल शुरू होने से पहले, जब ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी भी ख़त्म नहीं हुई थी, सीए के मुख्य कार्यकारी टॉड ग्रीन ने मज़ाक में कहा कि उन्हें चिंता है कि मैच तीसरे दिन तक टिकेगा या नहीं।
उन्होंने एसईएन से बात करते हुए माना, "जल्दी खत्म हुआ मुकाबला कई लोगों के लिए मुश्किल पैदा करता है। ब्रॉडकास्टर्स से लेकर बोर्ड तक। टिकट बिक्री, पार्टनर्स और स्पॉन्सर्स सभी पर इसका सीधा असर पड़ता है। इस सीरीज का आर्थिक असर काफी बड़ा है।"पिछले महीने वार्षिक आम बैठक में सीए ने लगभग 65 करोड़ रूपए के नुकसान की घोषणा की थी। इस पर क्रिकेट विक्टोरिया के चेयरमैन रॉस हेपबर्न ने वित्तीय प्रदर्शन को लेकर कड़ी आलोचना की थी। यह घाटा उस गर्मियों का हिस्सा था जिसमें भारत जैसी दिग्गज टीम की पांच टेस्ट वाली यात्रा भी शामिल थी।
सीए के चेयरमैन माइक बेयर्ड ने अक्टूबर की बैठक के बाद कहा. "सामान्य समय में सफे़द गेंद की सीरीज भी इसी टेस्ट दौरे का हिस्सा होती। लेकिन इस बार वह अगले वित्त वर्ष में खेली जा रही है। अगर दोनों एक ही वित्त वर्ष में आते तो तस्वीर अलग होती।
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