देहरादून , नवंबर 26 -- अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का 71वां राष्ट्रीय अधिवेशन पहली बार उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में 28 नवंबर से आयोजित होने जा रहा है।
हालांकि इससे पहले बुधवार को एबीवीपी की एक दिवसीय केंद्रीय कार्य समिति की बैठक संपन्न हुई। बैठक का उद्घाटन परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ राज शरण शाही, राष्ट्रीय महामंत्री डॉ वीरेंद्र सोलंकी और राष्ट्रीय संगठन मंत्री आशीष चौहान ने देहरादून के परेड ग्राउंड में बसाये गए भगवान बिरसा मुंडा नगर के स्वर्गीय राधेश्याम बैठक कक्ष में किया। बैठक में देशभर से आए कुल 107 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारियों ने गुरु तेग बहादुर जी के 350वें बलिदान दिवस के मौके पर दिल्ली स्थित गुरुद्वारा शीशगंज साहिब से पवित्र जल कलश अधिवेशन स्थल लाया जिसे दर्शन के लिए बैठक के मुख्य सभागार में स्थापित किया गया।
एक दिवसीय केंद्रीय कार्य समिति की बैठक में शिक्षा, समाज से जुड़े विषयों पर अहम चर्चा की गई, इसके अलावा परिषद के 71वें राष्ट्रीय अधिवेशन में प्रस्तुत किए जाने वाले कुल पांच प्रस्तावों पर भी विमर्श हुआ। देशभर के प्रमुख विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों, शिक्षाविदों व हित धारकों से मिले सुझावों, जिसमें शिक्षा, समाज परिवर्तन, प्राकृतिक आपदा विभाजनकारी शक्तियां और बांग्लादेशी घुसपैठ जैसे महत्वपूर्ण विषय शामिल है। इन सभी विषयों पर लंबी चर्चा की गई। इन सभी विषयों को 28 से 30 नवंबर को होने वाले राष्ट्रीय अधिवेशन में पारित किया जाएगा।
परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि एबीवीपी की केंद्रीय कार्य समिति की बैठक कई मायनों में महत्वपूर्ण है। इसमें प्रतिनिधियों ने महत्वपूर्ण शैक्षिक और सामाजिक विषयों पर चिंतन व मंथन किया है। परिषद हमेशा संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए संघर्षरत रही है और भारतीय मूल्य ही विकसित भारत की राह प्रशस्त करेगा।
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