देहरादून , नवम्बर 26 -- उत्तराखंड के ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की ओर से बुधवार को देहदान के प्रति जागरूकता के उद्देश्य से आयोजित कार्यक्रम में देह दान करने वाले दधीचियों के परिजनों का अभिनन्दन किया गया। चिकित्सा शिक्षा की विधा में देहदान का बड़ा महत्व है और देहदान से बड़ा दूसरा कोई धर्म नहीं।

इसी बीच एम्स के मेडिकल काॅलेज को एक अन्य देहदान किया गया। हरिद्वार निवासी गीता पंत का देहदान उनके परिजनों देवेन्द्र पंत और पुष्पा पंत ने करवाया।

संस्थान के मुख्य सभागार में आयोजित देहदान जागरूकता कार्यक्रम में कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने कहा कि देह त्यागने के बाद भी व्यक्ति देहदान कर समाज की सेवा करता है। उन्होंने अंगदान और देहदान का महत्व समझाते हुए कहा कि अंगदान अथवा देहदान के लिए समाज में जागरूकता पैदा करने की विशेष जरूरत है। उन्होंने समझाया कि किस तरह ब्रेन डेड व्यक्ति के विभिन्न अंगों को दान कर कई लोगों का जीवन एक साथ बचाया जा सकता है।

एकेडेमिक डीन प्रो. जया चतुर्वेदी ने इस मामले में जनसमुदाय को जागरूक कर उन्हें प्रेरित करने की आवश्यकता बतायी। कार्यक्रम की समन्वयक एनाटोमी विभाग की प्रोफेसर डाॅ. रश्मि मल्होत्रा ने देहदान करने वाले परिवारों का आभार व्यक्त कर बताया कि एम्स मेडिकल काॅलेज को अभी तक 97 लोग अपना शरीर दान कर चुके हैं। उन्होंने देहदान की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

दधीचि देहदान समिति उत्तराखंड के महासचिव नीरज पांडेय ने मेडिकल की पढ़ाई के लिए देहदान की अनिवार्यता बतायी और कहा कि समाज और देश हित में मरणोपरांत शरीर यदि किसी के काम आ आए, तो इससे बड़ा धर्म दूसरा और कोई नहीं हो सकता। उन्होंने देहदान को लेकर समाज में फैली भ्रान्तियों को दूर कर विस्तार से प्रकाश डाला।

जीते जी देहदान का संकल्प ले चुके महन्त लोकेश दास ने महर्षि दधीचि का उल्लेख करते हुए कहा कि देहदान करने परंपरा ऋषि-मुनियों के समय से चली आयी है। मोहन फाउन्डेशन के प्रोजेक्ट लीडर संचित अरोड़ा ने अपना अनुभव साझा कर इस बारे में विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम को एनाटोमी विभाग के हेड प्रो. मुकेश सिंगला ने भी संबोधित किया।

कार्यक्रम के दौरान एम्स ऋषिकेश में देहदान कर चुके 10 से अधिक देहदानियों के परिजनों को सम्मानित कर उनका आभार प्रकट किया गया। इस अवसर पर एमबीबीएस छात्रों ने 'कैडेवरिक' शपथ ली और इस पेशे में पूर्ण निष्ठा के साथ मानव शरीर का सम्मान करने का वचन लिया।

एनाटोमी विभाग के डाॅ. राजीव चौधरी के संचालन में हुए इस कार्यक्रम में चिकित्सा अधीक्षक प्रो. बी. सत्या श्री, डाॅ. बिजेन्द्र सिंह, डाॅ. गीतांजलि, डाॅ. राजू आर बोकन, डाॅ. नीति गुप्ता, डाॅ. करमवीर सिंह, डाॅ. उर्वी शर्मा, डॉ. मृणाल वर्मा, डाॅ. सुनीता शर्मा, सीएनओ डाॅ. अनिता रानी कंसल, विधि अधिकारी प्रदीप चन्द्र पाण्डेय, रजिस्ट्रार राजीव चौधरी सहित कई अन्य फेकल्टी सदस्य, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि और मेडिकल के छात्र मौजूद रहे।

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