नयी दिल्ली , अक्टूबर 14 -- जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल और स्वच्छता विभाग ने मंगलवार को पहली बार जिला अधिकारियों के साथ राष्ट्रीय स्तर पर पेयजल संवाद का आयोजन किया। इसका उद्देश्य जल जीवन मिशन के तहत जिलों के बीच नवाचार, एक दूसरे के साथ अनुभव साझा करना तथा सहकर्मी शिक्षण को बढ़ावा देना है।

मंत्रालय में पेयजल और स्वच्छता विभाग के सचिव अशोक के.के. मीना की अध्यक्षता में यह संवाद वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित किया गया। इसमें विभाग में अतिरिक्त सचिव तथा जल जीवन मिशन के राष्ट्रीय निदेशक कमल किशोर सोन, जल जीवन मिशन में संयुक्त सचिव स्वाति मीना नाइक के साथ ही वरिष्ठ अधिकारियों, देश भर के जिला अधिकारियों, मिशन के निदेशकों और राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों की राज्य मिशन टीमों के सदस्यों ने हिस्सा लिया।

ग्रामीण क्षेत्रों के जल प्रबंधन में जिलों और स्थानीय संस्थानों को सशक्त बनाने के लिए यह आयोजन एक सतत सुधार कार्यक्रम के तहत किया गया। कार्यक्रम में 729 जिला कलेक्टरों के साथ व्यक्तिगत और आभासी संवाद इस कार्यक्रम के माध्यम से किया गया। इस संवाद में बताया गया कि देशभर में इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए 80,000 से अधिक सरपंचों को सरपंच संवाद मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से जोड़ा गया जिससे स्थानीय स्वामित्व और जवाबदेही पर जोर दिया गया।

इस संवाद के माध्यम से बताया गया है कि जल जीवन मिशन 15.71 करोड़ यानी 81.17 प्रतिशत से अधिक ग्रामीण घरों तक नल का पानी पहुंचाकर एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल कर चुका है और अब यह एक महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुंच गया है। मिशन के अगले चरण में दीर्घकालिक स्थिरता, कार्यक्षमता और सेवा वितरण सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है और इसमें जिला प्रशासन की भूमिका अब ज्यादा महत्वपूर्ण हो गई है क्योंकि जिला कलेक्टर नीति और लोगों के बीच महत्वपूर्ण सेतु के रूप में कार्य करते हैं और उनके माध्यम से ही यह सुनिश्चित किया जाना है कि हर घर को न केवल नल का पानी मिलना चाहिए बल्कि इसे ज्यादा विश्वसनीय बनाकर इसमें निरंतरता बनी रहे।

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