नयी दिल्ली , नवंबर 30 -- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि आज देश शहद उत्पादन में नये रिकॉर्ड बना रहा है और देश में शहद की 'मिठास' बढ़ने के साथ किसानों की आमदनी भी बढ़ रही है।
श्री मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में कहा कि 11 साल पहले देश में शहद का उत्पादन 76 हजार टन था। अब यह बढ़कर डेढ़ लाख टन से भी ज्यादा हो गया है। बीते कुछ वर्षों में शहद का निर्यात भी तीन गुना से ज्यादा बढ़ गया है। हनी मिशन कार्यक्रम के तहत खादी ग्रामोद्योग ने भी 2.25 लाख से ज्यादा बी-बॉक्स लोगों में बांटे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे हजारों लोगों को रोजगार के नये अवसर मिले हैं। देश के अलग-अलग कोनों में शहद की मिठास भी बढ़ रही है, और यह मिठास किसानों की आय भी बढ़ा रही है।
उन्होंने जम्मू-कश्मीर के पहाड़ी इलाकों में वन तुलसी यानि सुलाई के फूलों से बने सफेद शहद, जिसे रामबन सुलाई हनी कहा जाता है, को जीआई टैग मिलने का जिक्र किया। दक्षिण कन्नड़ा जिले के पुत्तुर की वनस्पतियों से बने शहद का जिक्र करते हुए श्री मोदी ने कहा कि अब यह ब्रांडेड उत्पाद बनकर गांवों से शहरों तक पहुंच रहा है और इस प्रयास का लाभ ढाई हजार से अधिक किसानों को मिला है।
कर्नाटक के ही तुमकुरु जिले में 'शिवगंगा कालंजिया' नाम की संस्था के बारे में प्रधानमंत्री ने बताया कि वह हर सदस्य को शुरुआत में दो बी-बॉक्स देती है। ऐसा करके इस संस्था ने अनेकों किसानों को अपने अभियान से जोड़ दिया है। अब इस संस्था से जुड़े किसान मिलकर शहद निकालते हैं, बेहतरीन पैकेजिंग करते हैं और स्थानीय बाजार तक पहुंचाते हैं। इससे उन्हें लाखों की कमाई भी हो रही है।
उन्होंने नागालैंड के चोकलांगन गांव में खियामनि-यांगन जनजाति का जिक्र किया और कहा कि वहां मधुमक्खियों पेड़ों पर नहीं बल्कि ऊंची चट्टानों पर अपने घर बनाती हैं। इसलिए शहद निकालने का काम भी बहुत जोखिम भरा होता है। वहां के लोग मधुमक्खियों से पहले सौम्यता से बात करते हैं, उनसे अनुमति लेते हैं, उन्हें बताते हैं कि आज वे शहद लेने आए हैं, इसके बाद शहद निकालते हैं।
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