गुजरात देवव्रत प्राकृतिक खेतीअहमदाबाद , अक्टूबर 19 -- गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत की अध्यक्षता में रविवार को अहमदाबाद जिले की दसक्रोई तहसील के हीरापुर गांव स्थित श्री नागेश्वर कल्याण शक्तिधाम में गौ पूजन, गौ संवर्धन और देशी गाय आधारित प्राकृतिक खेती विषय पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया।

श्री देवव्रत ने इस अवसर पर राजस्थान की धरती पर जन्मे प्रसिद्ध गौभक्त और पराक्रमी देवर्षि कल्लाजी राठौड़ को श्रद्धापूर्वक स्मरण करते हुए कहा कि उनकी गौरक्षा की गाथा आज भी लोगों को प्रेरणा देती है। वर्ष 2005 में उनकी ही स्मृति मे श्री नागेश्वर कल्याण शक्तिधाम ट्रस्ट की स्थापना हुई, जो गौ रक्षा के साथ-साथ धार्मिक, आध्यात्मिक और सामाजिक उत्थान का केंद्र बन चुका है।

उन्होंने कहा कि धरती पर देशी गाय जितना उपकारी प्राणी कोई नहीं है, इसलिए ही प्राचीन ग्रंथों में गाय को "विश्व की माता" कहा गया है। ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में हुए अनुसंधानों में भारत की देशी गाय के दूध को ए2 और विदेशी गायों के दूध को ए1 श्रेणी दी गई है। वैज्ञानिक परीक्षणों से यह सिद्ध हुआ कि ए2 दूध अमृत के समान और स्वास्थ्य के लिए अत्यंत गुणकारी है। देशी गाय का दूध बच्चों की बुद्धि क्षमता को तेजी से बढ़ाता है।

देशी गाय के दूध के साथ-साथ उसके गोबर और गौमूत्र में पाए जाने वाले सूक्ष्म जीव प्राकृतिक खेती के लिए अत्यंत उपयोगी हैं। इसका उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि एक समय था जब भारत में मानव आबादी से 10 से 12 गुना अधिक गायें थीं। आज के समय में जो गायें दूध नहीं देतीं, वह पशुपालकों को आर्थिक बोझ लगती हैं। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से 'सेक्स सॉर्टेड सीमन' तकनीक को प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिससे गाय द्वारा बछड़े को जन्म देने की संभावना अधिक हो जाती है।

श्री आचार्य देवव्रत ने रासायनिक खाद से की जाने वाली खेती से स्वास्थ्य और भूमि को होने वाले नुकसान पर प्रकाश डालते हुए देशी गाय आधारित प्राकृतिक खेती पद्धति के लाभ बताए। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में पर्यावरण संरक्षण और लोगों के स्वास्थ्य कल्याण के लिए प्राकृतिक खेती ही एकमात्र विकल्प है। गुजरात के चार कृषि विश्वविद्यालयों के अनुसंधानों में यह पाया गया है कि प्राकृतिक खेती से फसल उत्पादन घटता नहीं, बल्कि भूमि अधिक उपजाऊ बनती है और जल एवं पर्यावरण दोनों की रक्षा होती है। प्राकृतिक खेती से भूमि को पर्याप्त पोषक तत्व और खनिज आसानी से प्राप्त होते हैं जो अच्छे उत्पादन के लिए आवश्यक हैं।

इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत संघचालक भरतभाई पटेल ने अपने संबोधन में गौभक्त कल्लाजी राठौड़ के गौरक्षा कार्यों का उल्लेख किया तथा गौ-विज्ञान के क्षेत्र में अधिक से अधिक अनुसंधान करने और गायों के लिए 'गौ-होस्टल' जैसी व्यवस्थाएं बनाने का आग्रह किया। उन्होंने युवाओं को गाय आधारित जीवनशैली अपनाने की प्रेरणा दी।

महामंडलेश्वर अखिलेशदास महाराज ने कहा कि भारत में संत और महंत निरंतर गौ रक्षा और गौ संवर्धन में लगे रहते हैं। शास्त्रों में गौ पूजन का विशेष महत्व बतलाया गया है। उन्होंने राज्यपाल श्री आचार्य देवव्रत द्वारा किए जा रहे गौ संवर्धन और गौ सेवा के कार्यों की सराहना की और लोगों से भी इस दिशा में आगे आने का अनुरोध किया।

इस अवसर पर राज्यपाल और ट्रस्टीगण ने गौ पूजन किया। कार्यक्रम में गुजरात के पूर्व गृह राज्यमंत्री रजनीभाई पटेल, दसक्रोई के विधायक बाबुभाई जमनदास पटेल, नागेश्वर कल्याण शक्तिधाम संस्था के अध्यक्ष रश्मिभाई नाणावटी, ट्रस्टीगण, किसान और ग्रामजन बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

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