नयी दिल्ली , नवंबर 25 -- दूरसंचार विभाग की डिजिटल सुरक्षा पहल, "संचार साथी" ने अक्टूबर 2025 तक देशभर में 50,000 से अधिक खोये और चोरी हुए मोबाइल हैंडसेट वापस पाने में कामयाबी हासिल की है। यह उपलब्धि नागरिकों की डिजिटल संपत्तियों की सुरक्षा के प्रति अटूट प्रतिबद्धता और तकनीक-संचालित शासन में जनता के विश्वास को दर्शाती है।
इसके साथ ही देश भर में इनकी कुल रिकवरी सात लाख के आंकड़े को पार कर गयी है। इस प्रणाली की मदद से देश भर में हर मिनट एक से अधिक हैंडसेट रिकवर किये जा रहे हैं। इस पहल के अंतर्गत कर्नाटक और तेलंगाना से एक-एक लाख से अधिक मोबाइल हैंडसेट की रिकवरी हुयी है। महाराष्ट्र 80,000 से अधिक रिकवरी के साथ दूसरे स्थान पर है। जून से अक्टूबर, 2025 तक मासिक रिकवरी में 47 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुयी है, जो इस प्रणाली की दक्षता और पहुंच को दर्शाती है।
'संचार साथी' स्वदेशी रूप से विकसित प्लेटफॉर्म है, जो स्वचालित कार्यदक्षता के साथ उसी समय फोन का पता लगाने का काम करता है। संचार साथी की उन्नत तकनीक ब्लॉक किये गये उपकरणों के दुरुपयोग को रोकती है। जब किसी रिपोर्ट किये गये हैंडसेट में सिम डाला जाता है, तो सिस्टम पंजीकृत नागरिक और संबंधित पुलिस स्टेशन, दोनों को अलर्ट भेजता है, जिससे तेज और कुशल रिकवरी संभव होती है।
इसके लिये राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिसकर्मियों, दूरसंचार विभाग की डिजिटल इंटेलिजेंस यूनिट (डीआईयू) और क्षेत्रीय इकाइयों (एलएसए) ने मिलकर काम किया है ताकि उपकरणों का कुशलतापूर्वक पता लगाकर उन्हें उनके असली मालिकों को वापस किया जा सके। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस बलों के साथ नियमित क्षमता निर्माण कार्यक्रम और साझेदारियां जमीनी स्तर पर परिचालन संबंधी उत्कृष्टता को मजबूत करने में महत्वपूर्ण रही हैं।
दूरसंचार विभाग ने नागरिकों से "संचार साथी" ऐप डाउनलोड करने का आग्रह किया है ताकि वे न केवल अपने खोए/चोरी हुए मोबाइल उपकरणों की रिपोर्ट कर सकें और उन्हें ब्लॉक कर सकें। इतना ही नही, नये/पुराने उपकरण खरीदने का इरादा रखने वाले इसकी प्रामाणिकता की भी जांच कर सकें। नागरिक इस ऐप के माध्यम से संदिग्ध धोखाधड़ी वाले कॉल/संदेशों की भी रिपोर्ट कर सकते हैं और बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों के विश्वसनीय संपर्क विवरणों की भी जांच कर सकते हैं।
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