दुमका , दिसम्बर 01 -- झारखंड में दुमका की एक सत्र अदालत ने दुष्कर्म मामले में दोषसिद्ध एक आरोपी को बीस साल के सश्रम कारावास और तीस हजार रूपये जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई।

दुमका के प्रथम जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश एस एन मिश्रा की अदालत में सोमवार को दो साल पूर्व नाबालिग किशोरी के साथ दुष्कर्म करने से संबंधित मसलिया थाना कांड संख्या 11/2023 में सजा के बिंदु पर सुनावाई हुई। सरकार की ओर से लोक अभियोजक चम्पा कुमारी ने बहस में हिस्सा लिया। सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से नौ गवाह पेश किये गये तथा प्रतिपरीक्षण कराया गया।

दोनों पक्षों की ओर से बहस सुनने के बाद न्यायालय ने मसलिया थाना क्षेत्र के धानुवासा गांव के रहने वाले दोषसिद्ध आरोपी मोसो सोरेन के विरूद्ध पोक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत बीस साल की कैद के साथ तीस हजार रूपये जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई। जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर आरोपी को एक साल के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। लोक अभियोजक से मिली जानकारी के मुताबिक पीड़िता की मां के लिखित आवेदन पर भादवि की धारा 354 बी,376,511और पोक्सो एक्ट की धारा 3/12 के तहत मसलिया थाना में दोषसिद्ध आरोपी मोसो सोरेन के खिलाफ एक अप्रैल 2023 को दर्ज की गयी थी।

दर्ज प्राथमिकी में पीड़िता की मां ने कहा था कि उसके पति दूसरे प्रदेश में मजदूरी करते है। इस कारण वह अपनी 18 व 13 साल की दो बेटी और छह साल के एक बेटे के साथ घर में रहती है। उसकी 13 साल की नाबालिक बेटी बचपन से दिमागी रूप से कमजोर है। इस कारण उसे सोचने समझने की शक्ति नहीं है। घटना के दिन सुबह करीब 7.30 वह अपनी बड़ी बेटी के साथ लकड़ी काटने जंगल गयी थी और छोटा बेटा स्कूल गया था। इस बीच उसी गांव का रहने वाला मोसो सोरेन चापाकल मरम्मति के लिये नकद राशि व चावल का उठाव करने उसका घर आया और अकेला देखकर घर के आंगन में खेल रही मानसिक रूप से कमजोर छोटी बेटी को जबर्दस्ती कमरे में ले जाकर दुष्कर्म का प्रयास किया। इस बीच पड़ोस की रहने वाली कुछ महिला घर में पहुंची और आरोपी को आपत्ति जनक अवस्था में घर से बाहर निकाला एवं नाबालिक पीड़िता की रक्षा की।

सूचिका जब लकड़ी लेकर जंगल से घर लौटी तो पड़ोस की रहनेवाली ने घटना की जानकारी दी। इसके बाद प्राथमिकी दर्ज करायी गयी।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित