हजारीबाग , दिसंबर 23 -- झारखंड के राज्यपाल-सह-राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति संतोष कुमार गंगवार ने विनोबा भावे विश्वविद्यालय, हजारीबाग के 10वें दीक्षांत समारोह में उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों को बधाई एवं शुभकामनाएँ दीं।

श्री गंगवार ने कहा कि दीक्षांत समारोह केवल उपाधि प्रदान करने का औपचारिक कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह विद्यार्थियों के परिश्रम, अनुशासन, धैर्य और निरंतर साधना का प्रतीक है। यह जीवन के एक महत्वपूर्ण अध्याय की पूर्णता और नए अध्याय की शुरुआत का अवसर है।

श्री गंगवार ने कहा कि विश्वविद्यालय से प्राप्त ज्ञान, मूल्यबोध और संस्कारों का उपयोग समाज और राष्ट्र के व्यापक हित में करना विद्यार्थियों का दायित्व है। उन्होंने बताया कि यह विश्वविद्यालय भू-दान के प्रणेता संत विनोबा भावे के नाम पर स्थापित है, जिन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन समाज सुधार और भू-दान यज्ञ जैसे महान कार्यों के लिए समर्पित किया। उनके विचार आज भी समाज को दिशा प्रदान करते हैं।

श्री गंगवार ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल आजीविका अर्जन नहीं, बल्कि एक संवेदनशील, जिम्मेदार और कर्तव्यनिष्ठ नागरिक का निर्माण करना है। विद्यार्थियों से 'विकसित भारत @2047' और 'आत्मनिर्भर एवं सशक्त भारत' के निर्माण में ईमानदारी, परिश्रम और नैतिकता के साथ योगदान देने का आह्वान किया।

श्री गंगवार ने विद्यार्थियों से शिक्षा के महत्व को समाज तक पहुँचाने की अपील करते हुए कहा कि यदि प्रत्येक शिक्षित युवा समाज के किसी एक बच्चे की शिक्षा की जिम्मेदारी ले, तो अशिक्षा स्वतः समाप्त हो सकती है। उन्होंने विश्वविद्यालयों को विचार, चरित्र और चेतना का केंद्र बताते हुए शैक्षणिक गुणवत्ता, शोध, सामाजिक सरोकार और प्लेसमेंट व्यवस्था को और मजबूत करने पर बल दिया।

श्री गंगवार ने प्रधानमंत्री के नेतृत्व में लागू 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020' का उल्लेख करते हुए कहा कि यह नीति शिक्षा को समावेशी, मूल्यपरक और समाजोपयोगी बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। श्री गंगवार ने विद्यार्थियों को जीवन मूल्यों का स्मरण कराते हुए कहा कि व्यक्ति की पहचान उसकी डिग्री से नहीं, बल्कि उसके कर्मों से होती है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि विद्यार्थी अपने ज्ञान, आचरण और सेवा-भाव से विश्वविद्यालय, परिवार और राष्ट्र का नाम गौरवान्वित करेंगे।

इससे पूर्व राज्यपाल महोदय ने विश्वविद्यालय परिसर में स्थापित भू-दान यज्ञ के प्रणेता संत विनोबा भावे की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

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