पटना , नवंबर 29 -- मौसम विभाग के अनुमानों के अनुसार अगले सप्ताह से राज्य में न्यूनतम तापमान तेजी से गिरने वाला है और दिसंबर माह के दूसरे सप्ताह तक ठंड अपने चरम पर पहुंच सकती है।

इस दौरान कई जिलों में तापमान 10 डिग्री सेल्सियस या उससे नीचे दर्ज हो सकता है। बढ़ती सर्दी को देखते हुये राज्य सरकार ने सभी जिलों को पहले से ही सतर्क कर दिया है और ठंड से बचाव की तैयारियां तेज करने के निर्देश दिये हैं।

राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग ने शीतलहर से बचाव के लिये विस्तृत मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है। विभाग ने चेतावनी दी है कि इस बार दिसंबर से जनवरी के बीच भयावह शीतलहर की आशंका है। विभाग ने कहा है कि तापमान में गिरावट शुरू हो चुकी है, इसलिये सभी जिलों को अविलंब तैयारी पूरी करनी चाहिये।

आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव डॉ चंद्रशेखर सिंह ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि शहरी और अर्द्धशहरी क्षेत्रों में बेघर लोगों, रिक्शा चालकों, मजदूरों और बेसहारा नागरिकों के लिये विशेष सुरक्षा उपाय किये जायें। इसके तहत रैनबसेरे बनाये जायें, प्रमुख स्थानों पर अलाव की व्यवस्था हो, रैनबसेरों की ज़िम्मेदारी स्थानीय निकायों को दिये जाने और अलाव की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन को सौंपी गई है।

शीतलहर के दौरान आमतौर पर बीमारी के मामले बढ़ जाते हैं। इसे देखते हुये अस्पतालों में आवश्यक दवाओं की उपलब्धता, वार्म वार्ड की व्यवस्था, चिकित्सकों की तैनाती और स्वास्थ्य सेवाओं का सुदृढ़ीकरण करने के निर्देश भी दिये गये हैं।

ठंड का प्रभाव पशुधन पर भी पड़ता है, इसलिये विभाग ने पशुपालन अधिकारियों को भी पशुओं की सुरक्षा के व्यापक इंतजाम करने को कहा है, जिससे ठंड की वजह से किसी प्रकार के नुकसान की स्थिति न आये।

सचिव डॉ सिंह ने सभी जिलाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि वे मौसम विभाग से लगातार संपर्क में रहें। इससे शीतलहर से संभावित खतरे को समय रहते भांपा जा सकेगा और जान-माल के नुकसान को कम किया जा सकेगा।

विभाग की ओर से जारी एसओपी में कहा गया है कि सभी आश्रय गृहों में पर्याप्त कंबल उपलब्ध हों और प्रखंड स्तर से लेकर जिला मुख्यालय तक सार्वजनिक स्थानों पर अलाव की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये।

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