लखनऊ, सितंबर 28 -- किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के लारी कार्डियोलॉजी के विभाग प्रमुख रहे डॉ आर के सरन ने कहा है कि दिल की बीमारी की मुख्य वजह सिगरेट है।
विश्व हृदय दिवस की पूर्व संध्या एक दिन पूर्व रविवार को डॉ सरन ने कहा कि आजकल दिल के बीमारी की शिकायत लेकर आने वाले मरीजों में अच्छी खासी तादाद ऐसे युवाओं की है, जिनकी उम्र 30 से लेकर 40 वर्ष के आस पास है। इनके अंदर बीमारी का सबसे बडा कारण सिगरेट उभर कर सामने आ रहा है। वहीं दूसरे कारणों में अनियमित खान पान व बदलती जीवन शैली को भी डाक्टर प्रमुख कारण मान रहे हैं।
उन्होंने बताया कि बाहर के देशों में जहां यह बीमारी 55 से 60 वर्ष के लोगों में पाई जा रही है तो वहीं भारत में यह बीमारी युवाओं को गिरफ्त में ले रही है। उन्होंने बताया कि अगर युवा केवल सिगरेट छोडने के साथ ही लाइफ स्टाइल को परम्परागत रूप में लाने की कोशिश करें तो इस पर काफी नियंत्रण पाया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि दिल का दौरा वह स्थिति है जब किसी व्यक्ति की धमनी में अवरोध आ जाता है और रक्त प्रवाह रुक जाता है। यदि रक्त प्रवाह को जल्दी से बहाल नहीं किया जाता तो ऑक्सीजन और पोषक तत्वों के अभाव में दिल की माँसपेशियों को इस तरह नुकसान हो सकता है कि उसकी भरपाई नहीं की जा सकती। इससे हार्ट भी फेल हो सकता है और रोगी की मृत्यु भी हो सकती है।
बीमारी से बचाव को लेकर उन्होंने कहा कि अधिक कोलेस्ट्रोल, फास्ट फूड, देशी घी तथा ऑयल की वस्तुओं का सेवन कम करें। मस्टर्ड ऑयल, रेपसीड ऑयल की वस्तुओं को रोटेड करते रहे। खाने में फाइबर के साथ सब्जियां, फलों, छिलके वाली दालों का उपयोग करें। नियमित 45 मिनट पैदल चलें, स्मोकिंग बंद करने के साथ डायबिटीज व कोलेस्ट्रोल को नियंत्रित भी करना जरूरी है।
उन्होंने बताया कि हार्ट में पैन और हार्ट अटैक की बीमारी के लिए दवाई, एंजियोप्लास्टी तथा बाईपास सर्जरी तीन विकल्प हैं। सबसे पहले बीमारी की जांच के लिए ईसीजी करते हैं। जांच में खराबी आने पर टीएमटी की जाती हैं। इसके बाद एंजियोग्राफी करते हैं और अधिक समस्या होने पर बाईपास सर्जरी ही बेहतर विकल्प है।
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