रायपुर , नवंबर 24 -- राष्ट्रीय राजधानी में कुख्यात नक्सली हिडमा के समर्थन में लगे नारों ने छत्तीसगढ़ की सियासत को एक बार फिर आज गरमा दिया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जहां इसे राष्ट्रविरोधी मानसिकता बता रही है, वहीं कांग्रेस इसे राजनीतिक हल्ला मान रही है। नक्सल मुद्दे, खदान नीलामी, संगठनात्मक विवाद और धान खरीदी-हर मोर्चे पर दोनों दल आमने-सामने दिख रहे हैं।
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने दिल्ली में लगे नारों को देशविरोधी बताते हुए कहा, "ये वही टुकड़े-टुकड़े गैंग के समर्थक हैं। इनकी मानसिकता बार-बार सामने आती रही है। देश के खिलाफ आवाज उठाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। सरकार ऐसे तत्वों को कड़ा सबक सिखाएगी।"कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने भाजपा के आरोपों को खारिज करते हुए कहा, "देश में कोई क्या नारा लगा रहा है, यह उसका विवेक है। हिडमा की मौत से बस्तर में नक्सलियों को बड़ा झटका लगा है। भाजपा बेवजह राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रही है।"नक्सलियों द्वारा तीन राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भेजे गए पत्र और मुख्यधारा में लौटने की इच्छा पर भी दोनों दलों के बयान अलग-अलग रहे।
श्री साव ने कहा, "नक्सल उन्मूलन के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। हथियार छोड़ना चाहते हैं तो दरवाज़े खुले हैं, नहीं तो कार्रवाई जारी रहेगी।"श्री बैज ने कहा, "पत्र की सत्यता सरकार स्पष्ट करे। सही है तो निर्णय ले।" इसके जवाब में श्री साव ने कहा, "कांग्रेस स्वयं घोटालों में लिप्त रही है, अब आरोप लगा रही है।" उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने खनिज संसाधन अपने चहेते उद्योगपतियों को बेचे।
उप मुख्यमंत्री ने कहा, "कांग्रेस इतिहास बन जाएगी, आने वाले समय में उसे ढूंढना पड़ेगा।" उन्होंने कहा कि कांग्रेस किसानों पर अत्याचार करने वाली पार्टी है। जबकि भाजपा के राज में छत्तीसगढ में धान खरीदी सुचारू से जारी है।
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