इटावा , दिसम्बर 21 -- देश की राजधानी दिल्ली एनसीआर आसपास के लोग प्रदूषण की मार झेल रहे हैं वहीं दूसरी ओर चंबल इलाके के इटावा में मौसम बेहद खुशनुमा है।
मौसम पर्यावरणीयो और चिकित्सा सेवा से जुड़े हुए विशेषज्ञ चंबल इलाके से जुड़े इटावा के खुशनुमा मौसम को लेकर गदगद बने हुए है।
दिल्ली में रहने वालों को प्रदूषण के मारे आंखों की जलन जैसी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है लेकिन इटावा में चंबल क्षेत्र के प्राकृतिक नजारे आंखों को सुकून देने वाले हैं ।
इस चंबल क्षेत्र में इस समय मौसम बेहद खुशनुमा है और प्रदूषण भी नहीं है । इसका आईक्यू लेवल 50 है जबकि दिल्ली में यह 500 से अधिक पहुंच चुका है । चंबल क्षेत्र के प्राकृतिक स्थल लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। इस मौसम में प्रदूषण रहित स्थान पर भ्रमण करना न केवल आंखों के लिए सुकून दायक है बल्कि सेहत के लिए भी फायदेमंद है ।
चंबल की वादियां इन दिनों घूमने के लायक हैं। देशी विदेशी पक्षी इन दोनों यहां कलरब कर रहे हैं इसके कारण माहौल और बेहतर हो गया है । विदेश से इसमें पक्षी नवंबर के महीने से यहां आने लगते हैं और मार्च तक यही आशियाना बना कर रहेंगे। यह पक्षी भी लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। धूप न निकलने के बावजूद मौसम सुहाना है और सर्दी में सेल्स पार्टी के अनुकूल है। इसके साथ ही इटावा की लायन सफारी का मौसम भी बिल्कुल अनुकूल है। यहां भी प्रदूषण जैसी कोई चीज नहीं है। पूरी तरह प्राकृतिक माहौल है । चंबल क्षेत्र लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है हालांकि कभी यह क्षेत्र डकैतों को लेकर मशहूर रहा है लेकिन अब ऐसा कुछ नहीं है । यहां वन्य जीवों की आवाज और पक्षियों का कलरव सुनाई दे रहा है ।
इटावा के पूर्व मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. बी.के.गुप्ता का कहना है कि यह मौसम और इटावा का प्राकृतिक माहौल बेहद अनुकूल है। यह प्रदूषण से दूर है और यहां प्रदूषण के चलते सेहत को लेकर भी कोई समस्या नहीं है । ऐसा प्राकृतिक माहौल कुछ स्थानों पर ही देखने को मिलता है। सबसे बड़ी बात है कि यह स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक है।
पर्यावरण छात्र संसद के संयोजक संजय सक्सेना का कहना है कि चंबल क्षेत्र का प्रदूषण से दूर प्राकृतिक माहौल अन्य स्थानों के लिए एक उदाहरण है। चंबल क्षेत्र में प्रकृति के जितने करीब जाएंगे उतना ही सुकून मिलेगा। बनावटी दुनिया से दूर प्राकृतिक माहौल अपने में खो जाने का अवसर है, यहां प्रदूषण जैसा कोई खतरा दूर-दूर तक नहीं है ।
जल संरक्षक निर्मल सिंह का कहना है कि चंबल का स्वच्छ जल और यहां के आसपास का प्रदूषण मुक्त वातावरण अपने आप में विशिष्टता रखता है । एक और जहां दिल्ली अन्य महानगर प्रदूषण की चपेट में है घर से बाहर निकलना मुश्किल है दूसरी ओर चंबल की वादियो का प्राकृतिक माहौल आंखों को सुकून देता है और प्रकृति को करीब से जानने का अवसर भी देता है ।
होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. आशीष दीक्षित का कहना है कि हम प्रकृति से जितने दूर जाएंगे उतने ही परेशान होंगे । प्रदूषण से भी परेशान रहेंगे । प्रदूषण से बचने के लिए प्रकृति के करीब जाना होगा। इस समय चम्बल क्षेत्र में जो प्राकृतिक माहौल है वह प्रदूषण से दूर है और सेहत के लिए भी फायदेमंद है।
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