सिलीगुड़ी , अक्टूबर 06 -- दार्जिलिंग में मूसलाधार बारिश के कारण मृतकों की संख्या बढ़कर 28 हो गयी है और पहाड़ी इलाकों और दुआर में लोगों को और ज्यादा बारिश का डर सता रहा है। यह जानकारी आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को दी।
28 मौतों में से 22 पहाड़ी इलाकों में और छह मौतें जलपाईगुड़ी जिले के दुआर में हुयी हैं। 60 से ज़्यादा लोग घायल हैं और कई लोग लापता हैं क्योंकि कई दुर्गम इलाकों में सूचना नेटवर्क पूरी तरह से बहाल नहीं हो सका है।
दार्जिलिंग के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल मिरिक उपखंड में भूस्खलन में 11 लोगों की मौत हो गयी जबकि कई घर जमीन में दब गए। मिरिक का एक छोटा सा गांव, सौरेनी, पूरी तरह से तबाह हो गया है जहां एनडीआरएफ की टीम ने मलबे और भूस्खलन से पांच लोगों के शव निकाले हैं।
यह क्षेत्र अब पूरी तरह से समतल हो चुका है क्योंकि वहां कोई घर नहीं बचा है और कुछ जिंदा लोग विनाश के बाद अपना बचा हुआ सामान भी अपने साथ लेकर वहां से जा चुके हैं।
सूत्रों के अनुसार, दार्जिलिंग सदर के सुखिया पोखरी ब्लॉक में छह लोगों की मौत हो गयी जबकि बिजनबाड़ी में एक व्यक्ति की मौत की खबर है। जलपाईगुड़ी के दुआरों में उफनती तीस्ता, महानंदा और तोर्षा नदियों में रविवार को छह लोग बह गए और कई लोगों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। सूत्रों ने कहा कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।
कूचबिहार से प्राप्त एक रिपोर्ट के अनुसार, जिले में बारिश के कारण खेती योग्य ज़मीन में पानी भर जाने के बाद सेतई में एक ऊंची जगह पर 12 लोग फंसे हुए हैं। वे एक खेत में काम करने गए थे लेकिन अचानक हुई बारिश के कारण एक मौसमी नदी में पानी भर गया और इलाके की कृषि योग्य ज़मीन पानी में डूब गयी।
सूत्रों ने कहा कि अधिकारियों ने फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए स्पीड बोट बुलाई है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जानमाल के नुकसान पर शोक व्यक्त किया है और स्थिति का जायजा लेने के लिए जल्द ही उत्तर बंगाल जा सकती हैं।
भारतीय जनता पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष समिक भट्टाचार्य आज प्रभावित इलाकों का दौरा करने और लोगों से बातचीत करने यहां पहुंचे। उन्होंने राज्य सरकार पर पिछले 14 सालों से उत्तर बंगाल की उपेक्षा करने का आरोप लगाया और कहा कि रेत के बेतरतीब खनन के कारण नदियों की दिशा बदल गई है जिससे मानव बस्तियों में तबाही मची है।
एनबीएसटीसी द्वारा उपलब्ध कराई गई लगभग 10 बसें 500 लोगों को लेकर रविवार रात तेनजिंग नोर्गे बस टर्मिनस से कोलकाता के लिए रवाना हुईं जिनमें अधिकांश पर्यटक थे।
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