दरभंगा, अक्टूबर 12 -- बिहार में दरभंगा जिले के ऐतिहासिक होली रोज़री कैथोलिक चर्च में रविवार को 55 वां वार्षिक पल्ली दिवस (पेरिश डे) बड़े श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया।
इस अवसर पर बिहार प्रांत के ईसाई धर्म के सभी धर्माध्यक्ष और चर्च के पल्ली पुरोहित उपस्थित थे। पूरा परिसर भक्ति, आनंद और सामुदायिक एकता की भावना से भर उठा। समारोह की शुरुआत पवित्र मिस्सा बलिदान कार्यक्रम से हुई।पटना कैथोलिक प्रांत के महा महाधर्माध्यक्ष सेबेस्तियन कुल्लूपुरा ने अपने प्रेरणादायक संदेश में कहा कि रोज़री प्रार्थना (माला बिनती) हमारे विश्वास का हृदय है। उन्होंने कहा कि यह केवल शब्दों की पुनरावृत्ति नहीं, बल्कि ईसा मसीह के जीवन, दुख, मृत्यु और पुनरुत्थान पर गहरी मनन-चिंतन की यात्रा है। माता मरियम हमें रोज़री के माध्यम से यह सिखाती हैं कि हम अपने जीवन की हर परिस्थिति में ईश्वर पर भरोसा रखें और उनके प्रेम में बने रहें। उन्होंने कहा कि पुरोहित गण, सिस्टरों के लिए दिन में तीन बार भजन एवं प्रार्थना करना जरूरी है। हमारे धर्म ग्रंथ में 150 प्रार्थना एवं भजन है।
श्री कुल्लूपुरा ने कहा कि उत्पत्ति ग्रंथ के दूसरे अध्याय में लिखा है कि मनुष्य के लिए अकेले रहना सही नहीं है उन सभी लोगों के लिए ईश्वर से जुड़ना ईश्वर के साथ ईश्वर के लिए रहना जरूरी है। उन्होंने कहा कि समाज में संप्रदायिक एकता, स्वभाव और आत्मा का मिलन होना चाहिए।माता मरियम हमारी करुणामयी माता हैं, जो सदैव अपने पुत्र यीशु की ओर हमें ले जाती हैं। जब हम रोज़री प्रार्थना करते हैं, तो हम न केवल शांति और कृपा प्राप्त करते हैं, बल्कि अपने परिवार और समाज में प्रेम, एकता और क्षमा का वातावरण भी बनाते हैं।
होली रोसरी चर्च दरभंगा के पल्ली पुरोहित फादर राय मैथ्यू ने पल्ली दिवस समारोह के सामाजिक महत्व के बारे में बताया कि यह त्योहार सामाजिक मूल्यों की रक्षा करता हैं।
फादर नोबेल ने कहा कि एकता और भाईचारे का प्रतीक पेरिश डे समुदाय को एक साथ लाने का अवसर देता है, जहाँ सभी आयु, वर्ग और पृष्ठभूमि के लोग एक परिवार की तरह सम्मिलित होते हैं। यह आपसी सम्मान, प्रेम और सहयोग की भावना को बढ़ाता है।
फादर ज्वॉय सन ने बताया कि पेरिस डे सेवा भावना का विकास का दिन है। इस दिन लोग गरीबों, जरूरतमंदों और समाज के कमजोर वर्गों की सहायता के लिए आगे आते हैं। इससे सामाजिक जिम्मेदारी और दया भाव को बल मिलता है।
विशप कैजिटन ने कहा कि युवाओं में नैतिकता और नेतृत्व का निर्माण जरूरी है। पेरिस डे पर आयोजित कार्यक्रमों के माध्यम से युवाओं को विश्वास, अनुशासन, और समाजसेवा के मूल्यों की प्रेरणा मिलती है। वे भविष्य में समाज के सशक्त नागरिक बनते हैं।
फादर रॉबर्ट कुमार ने कहा कि पेरिश डे पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम, प्रार्थनाएँ और सामूहिक आयोजन लोगों में सांस्कृतिक एकता और आध्यात्मिक सामंजस्य को मजबूत करते हैं और शांति और मेल-मिलाप का संदेश देते हैं।
फादर विकास ने कहा कि यह उत्सव हमें यह सिखाता है कि मतभेदों से ऊपर उठकर हम प्रेम और क्षमा के मार्ग पर चलें यही सच्ची सामुदायिक भावना है।
पवित्र मिस्सा के बाद भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें बच्चों और युवाओं ने मनमोहक गीत, नृत्य और नाट्य प्रस्तुतियाँ दी। पल्ली पुरोहित फादर रॉय मैथ्यू सी एस टी ने इस अवसर पर सभी श्रद्धालुओं, समितियों, स्वयंसेवकों और आमंत्रित अतिथियों का आभार प्रकट करते हुए कहा कि यह दिन हमारे समुदाय की आस्था और एकता का जीवंत प्रतीक है। कार्यक्रम का समापन सामूहिक प्रार्थना आशीर्वाद और सब के लिए प्रीति भोज (भंडारा) के साथ हुआ।
समारोह को सम्पन्न कराने के लिए जनसंपर्क अधिकारी स्टीवन जॉन सरपीस, पल्ली परिषद सचिव संजीवन, युवा सचिव आशीष, एस एम माइकल, सिस्टर जैंसी, सिस्टर पुष्पिका, सिस्टर पौला, स्टीफन सी, शिबू, रज्जी चाको आदि सक्रिय रहे।
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