गरियाबंद , दिसंबर 23 -- छत्तीसगढ़ के उदंती-सीता नदी अभ्यारण्य के कोर जोन में बसे साहेबीनकछार गांव के ग्रामीणों का सब्र आखिरकार मंगलवार को जवाब दे गया। शिक्षा, सड़क, बिजली और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित ग्रामीणों ने मंगलवार सुबह नेशनल हाईवे-130सी पर चक्काजाम कर दिया। इस प्रदर्शन में 200 से अधिक ग्रामीण शामिल रहे, जिससे हाईवे के दोनों ओर यात्री बसों सहित अन्य वाहनों की लंबी कतारें लग गईं।
ग्राम प्रमुख अर्जुन नायक एवं रूपसिंह मरकाम के नेतृत्व में ग्रामीणों ने स्पष्ट किया कि जब तक उनकी मांगों पर ठोस कार्रवाई नहीं होती, तब तक आंदोलन समाप्त नहीं किया जाएगा। मौके पर इंदागांव पुलिस पहुंची और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन बार-बार मिलते प्रशासनिक आश्वासनों से आहत ग्रामीण अपनी मांगों पर अड़े रहे।
ग्रामीणों की प्रमुख मांगों में बम्हनीझोला से ओडिशा सीमा तक 25 किलोमीटर पक्की सड़क निर्माण, इंदागांव स्थानांतरित आदिवासी कन्या छात्रावास एवं कन्या शाला को साहेबीनकछार में पुनः संचालित कर भवन निर्माण, विद्युत विहीन ग्रामों में शीघ्र विद्युतीकरण, मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के अंतर्गत अधूरे शाला भवनों को पूर्ण करना शामिल है।
इसके अलावा माध्यमिक शाला साहेबीनकछार में अनुपस्थित शिक्षक को तत्काल पदभार ग्रहण कराने, गांव में स्थापित जियो टॉवर को चालू कराने, उप-स्वास्थ्य केंद्र करलाझार में बिजली एवं नल-जल सुविधा बहाल करने तथा अधूरी नल-जल योजनाओं को पुनः प्रारंभ करने की मांग भी ग्रामीणों ने उठाई है।
ग्रामीणों ने बताया कि बीते 28 अक्टूबर को कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर अपनी आठ सूत्रीय मांगों से प्रशासन को अवगत कराया गया था। पिछले तीन वर्षों में कई बार संबंधित विभागों से संपर्क किया गया, लेकिन हर बार केवल आश्वासन ही मिला। इससे आक्रोशित ग्रामीणों ने इस बार निर्णायक आंदोलन का रास्ता चुना है।
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