अमरोहा/हापुड़ , अक्टूबर 06 -- हस्तिनापुर सर्किट के पांचाल देश क्षेत्र में गंगा नदी के दोनों तटों के आमने-सामने लगने वाले गढ़गंगा व तिगरी धाम राजकीय गंगा मेले की तैयारियां शुरू हो गई हैं।
तिगरी धाम मेले की व्यवस्था के लिए इस बार पांच करोड़ 41 लाख़ रुपये की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) जिला प्रशासन द्वारा शासन को भेजी गई है। उत्तरी भारत के विशाल मेलों में शुमार होने वाले महाभारत कालीन कार्तिक पूर्णिमा गढ़गंगा-तिगरी धाम स्नान मेले में हर साल बड़ी संख्या में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु गंगा में आस्था की पवित्र डुबकी लगाने और पुण्य अर्जित करने आते हैं। इस बार मेला 28 अक्टूबर से प्रारंभ होकर छह नवंबर तक चलेगा। आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को बताया कि एक नवंबर को देवोत्थान एकादशी पर मेले का विधिवत पूजन के बाद शुभारंभ हो जाएगा। इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा पांच नवंबर को पड़ रही है। जिला प्रशासन के पास मेले की व्यवस्था के लिए बामुश्किल एक से दो सप्ताह का समय बचा है क्योंकि मेला 28 अक्टूबर से शुरू हो जाएगा।
तिगरी धाम मेले को इस बार 10 जोन और 22 सेक्टर में स्थापित किया जाएगा।मेले में ज़ोनल व सेक्टर मजिस्ट्रेट की तैनाती कर के अधिकारियों को अलग-अलग जिम्मेदारियां तय कर दी गई हैं।इस संबंध में अनुभवी अधिकारियों की एक कोर कमेटी गठित की गई है जिसमें मुख्य विकास अधिकारी अश्विनी कुमार मिश्रा, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व गरिमा सिंह, अपर जिलाधिकारी न्यायिक धीरेन्द्र प्रताप, कृषि उपनिदेशक रामप्रवेश, अधिशासी अधिकारी नगरपालिका अमरोहा डॉ ब्रिजेश कुमार तथा अपर पुलिस अधीक्षक अखिलेश भदौरिया आदि शामिल हैं।
जिलाधिकारी द्वारा चयनित मेला स्थल पर खेतों को खाली करवाने के निर्देश तहसील प्रशासन को जारी किए गए हैं। गंगा के बहाव के दृष्टिगत इस बार मेला पड़ाव की दिशा बदलने से मेला ज्यादा फैलाव में न होकर कांकाठेर मार्ग से लंबी कतार में बसाए जाने की योजना है। करीब दो किलोमीटर लंबे एरिया में खेतों को खाली कराकर श्रदालुओं की सुविधा के लिए भव्य आरती स्थल, इंटरनेट सेवाएं, सुरक्षित स्नान घाट , प्रकाश व्यवस्था, सीसीटीवी निगरानी, और महिलाओं के लिए ड्रेसिंग एवं चैंजिंग रुम, आधुनिक शौचालय, यात्रियों के लिए मेला स्पेशल ट्रेनों और रोड़वेज बसों तथा देश-विदेश के संवाददाताओं हेतु आवश्यक सुविधाओं से सुसज्जित मीडिया सेंटर की स्थापना तथा उनके ठहरने आदि की सुविधाएं पहले से बेहतर विकसित की जाएंगी।
उत्तर प्रदेश कला संस्कृति विभाग द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। मेले में इस बार सड़कों, टैंट, बैरिकेडिंग, पीने के पानी के लिए हैंडपंप के ठेके देने के लिए गुणवत्ता और जवाबदेही को प्राथमिकता दी जाएगी।आधिकारिक सूत्रों ने बताया है कि अलग-अलग कार्यों की जवाबदेही तय किए जाने की जरूरत अन्यथा मेला प्रबंधन को हर बार की तरह इस बार भी अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ता है। और यह एक बार की नहीं साल-दर-साल ऐसा होता है। मेले की व्यवस्था को परखने के मानिटरिंग एजेंसी को जिम्मेदारी सौंपी जानी चाहिए।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित