बीजिंग , नवंबर 28 -- चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने शुक्रवार को कहा कि जापानी प्रधानमंत्री शिगेरु ताकाइची की ताइवान संबंधी टिप्पणियां "ताइवान की स्वतंत्रता" चाहने वाली अलगाववादी ताकतों को बहुत गलत संकेत देती हैं। साथ ही उन्होंने ताइवान के नेता लाई चिंग-ते द्वारा जापान के समर्थन में किए गए प्रयास की भी कड़ी आलोचना की।

सुश्री शिगेरु ताकाइची की उस टिप्पणी में ताइवान जलडमरूमध्य में सशस्त्र हस्तक्षेप की संभावना का इशारा किया गया था, जिसकी अंतरराष्ट्रीय समुदाय और जापान के समझदार लोगों ने भी निंदा की है। इसके बावजूद श्री लाई चिंग-ते ने जापान के प्रति समर्थन दिखाने के लिए सोशल मीडिया पर एक तस्वीर पोस्ट की, जिसमें वे जापानी सीफूड से बनी सुशी पकड़े दिखाई दे रहे थे।

सुश्री माओ निंग ने कहा, "जापान ने आधी सदी तक ताइवान पर औपनिवेशिक शासन किया और वहां अनगिनत अत्याचार किए। डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (डीपीपी) के अधिकारियों का तथाकथित 'ताइवान स्वतंत्रता' के लिए जापान को मनाने की कोशिश करना बेहद नीच और शर्मनाक है।"उन्होंने आगे कहा कि सुश्री ताकाइची का ताइवान संबंधी बयान चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप है, यह "ताइवान स्वतंत्रता" की अलगाववादी ताकतों को गलत संदेश देता है तथा ताइवान जलडमरूमध्य में शांति और स्थिरता को खतरे में डालता है।

प्रवक्ता ने याद दिलाया कि इस वर्ष जापानी आक्रमण के विरुद्ध चीनी जनता के प्रतिरोध युद्ध की विजय की 80वीं वर्षगांठ तथा ताइवान के चीन में पुनः एकीकरण की 80वीं वर्षगांठ है।

उन्होंने जापान से अपील की कि वह अपने ऐतिहासिक अपराधों पर गंभीरता से आत्म-चिंतन करे, इतिहास से सबक ले, एक-चीन सिद्धांत का सम्मान करे तथा ताइवान मुद्दे पर अपने बयानों और कार्यों में अत्यधिक सावधानी बरते।

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