चेन्नई , दिसंबर 25 -- तमिलनाडु में 27 और 28 दिसंबर को पक्षी संरक्षण एवं निगरानी के लिए समन्वित पक्षी गणना की जाएगी।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक और मुख्य वन्यजीव वार्डन ने कहा कि तमिलनाडु स्थानीय और प्रवासी दोनों तरह के पक्षियों के लिए प्रमुख जैव विविधता स्थल है इसलिए यहां पक्षी संरक्षण और निगरानी बहुत आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि राज्य में हॉर्नबिल संरक्षण केंद्र की स्थापना और संरक्षण पहल, उन्नत्र वन्यजीव संरक्षण संस्थान (एआईडटल्यूसी) में रैप्टर अनुसंधान फाउंडेशन, तथा पुडुचेरी के पास मराक्कनम में अंतर्राष्ट्रीय पक्षी संरक्षण केंद्र की स्थापना जैसे प्रमुख कार्यक्रम लागू किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि हर साल पक्षियों की संख्या और विविधता की निगरानी के लिए राज्य स्तरीय अभ्यास किया जाता है। तमिलनाडु वन विभाग द्वारा वर्ष 2025-2026 के लिए समन्वित पक्षी गणना दो चरणों में आयोजित करने का प्रस्ताव है। प्रथम चरण में आर्द्रभूमि पक्षी गणना (आंतरिक और तटीय आर्द्रभूमि दोनों) और द्वितीय चरण में स्थलीय पक्षी गणना शामिल है।
उन्होंने कहा कि आर्द्रभूमि पक्षी गणना दो दिनों के लिए की जानी है। तमिलनाडु में प्रवासी पक्षियों का मौसम आमतौर पर अक्टूबर में उत्तर-पूर्वी मानसून की शुरुआत के साथ शुरू होता है और अप्रैल तक जारी रहता है। यह समय प्रवासी मौसम की शुरुआत में डेटा की कमी को पूरा करने के लिए चुना गया है। वर्ष 2024-25 में आर्द्रभूमि पक्षी गणना सभी 38 जिलों में 8-9 मार्च, 2025 के दौरान 934 आर्द्रभूमि को शामिल करते हुए आयोजित की गयी थी जिसमें कुल 397 पक्षी प्रजातियों को रिकॉर्ड किया गया था,जिसमें प्रवासी और स्थानीय दोनों तरह के पक्षी शामिल थे। पक्षियों की कुल संख्या साढ़े पांच लाख थी।
उन्होंने बताया कि यह गणना प्रत्येक वन प्रभाग में कम से कम 25 स्थानों पर आयोजित की जाएगी। इसमें पक्षी प्रेमी , स्वयंसेवक, एनजीओ प्रतिनिधि, पेशेवर फोटोग्राफर और वन विभाग के अधिकारी भाग लेंगे।
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