रांची , दिसंबर 01 -- झारखंड की राजधानी रांची के नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ स्टडी एंड रिसर्च इन लॉ में "उभरते तंबाकू एवं निकोटिन उत्पादों से सुरक्षा: चुनौतियाँ एवं आगे की राह" विषय पर राष्ट्रीय परामर्श का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम में झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए, जहां उन्होंने युवाओं को नशे के दुष्प्रभावों से बचाने के लिए कानून प्रवर्तन और जागरूकता को और मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

सेमिनार का उद्देश्य युवाओं को तंबाकू एवं निकोटिन के खतरनाक प्रभावों के प्रति जागरूक करना, इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट निषेध अधिनियम 2019 के प्रभावी क्रियान्वयन को बढ़ावा देना तथा निकोटिन पाउच जैसे उभरते उत्पादों के वैश्विक नियामक अनुभवों को साझा करना था।

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई। अपने प्रेरक उद्घाटन वक्तव्य में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. अंसारी ने कहा, देश की युवा शक्ति को नशे की जद से बाहर रखना हमारी जिम्मेदारी है। यहां बैठे युवा कल के वकील और जज हैं - समाज आपसे उम्मीद के साथ देखता है।

नशे की लत में सैकड़ों जानें जा रही हैं, इसलिए विधायिका, न्यायपालिका और कार्यपालिका - तीनों के समन्वित प्रयास बेहद जरूरी हैं।" उन्होंने युवाओं से कहा कि सशक्त कानून तभी असरदार होते हैं जब उनका ईमानदारी से पालन और क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए।

विशिष्ट अतिथि डॉ. एल. स्वस्तिचरण, उप महानिदेशक एवं निदेशक, स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार ने देश में उभरते निकोटिन उत्पादों के नियमन की चुनौतियों, खामियों और आगे की दिशा पर विस्तार से प्रकाश डाला।

वंदना शाह, उपाध्यक्ष, सीटीएफके - निकोटिन पाउच के वैश्विक नियामक ढाँचे और विभिन्न देशों में लागू नीतियों की जानकारी दी।

प्रवीण सिन्हा, एनपीओ, डबल्यूएचओ- उभरते तंबाकू एवं निकोटिन उत्पादों के स्वास्थ्य जोखिमों और वैश्विक ट्रेंड्स पर महत्वपूर्ण प्रस्तुति दी।

गौरव गुप्ता, सीनियर रिसर्च कंसल्टेंट, सीटीएफके, एनआरटी - व ओएनपी से जुड़े भारत में किए गए सर्वेक्षणों के अहम निष्कर्ष साझा किए।

रंजीत सिंह, अधिवक्ता, सुप्रीम कोर्ट - ई-सिगरेट निषेध अधिनियम 2019 के प्रवर्तन में आने वाली व्यावहारिक चुनौतियों और समाधान पर चर्चा की।

डॉ. अश्विनी कुमार, एसएनओ-एनटीपीसी, झारखंड - राज्य स्तर पर चल रही तंबाकू नियंत्रण पहलों का विवरण प्रस्तुत किया।

डॉ. सिद्धार्थ सेन्याल, निदेशक-इन-चीफ, स्वास्थ्य सेवाएँ, झारखंड - निकोटिन उत्पादों के उपयोग के आँकड़े और राज्य में बढ़ती चुनौतियों पर प्रकाश डाला।

कार्यक्रम का समापन डॉ. आनंदकुमार आर. शिंदे, एसोसिएट प्रोफेसर, एनयूएसआरएल, द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।

यह आयोजन युवाओं में तंबाकू-मुक्त वातावरण, सुरक्षित स्वास्थ्य व्यवहार और उज्ज्वल भविष्य के निर्माण के प्रति एनयूएसआरएल की प्रतिबद्धता को और मजबूत करता है।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित