नयी दिल्ली , दिसंबर 01 -- सरकार ने तंबाकू उत्पादों पर उत्पाद शुल्क में भारी बढ़ोतरी करने और पान मसाले के उत्पादन पर स्वास्थ्य एवं राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर लगाने संबंधी विधेयक सोमवार को लोकसभा में पेश किये।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दोनों विधेयक सदन के समक्ष रखे। स्वास्थ्य सुरक्षा एवं राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर विधेयक में प्रावधान है कि सरकार विशिष्ट उत्पादों के उत्पादन से जुड़ी मशीनरी या प्रक्रिया पर उपकर लगा सकती है। विधेयक के अनुसार, विशिष्ट उत्पाद में फिलहाल सिर्फ पान मसाला को शामिल किया गया है, लेकिन बाद में दूसरे उत्पादों को अधिसूचना के द्वारा शामिल करने का विकल्प छोड़ा गया है। पान मसाला के उत्पादन से जुड़ी मशीनों या पूरे संयंत्र की कुल उत्पादन क्षमता पर उपकर देना होगा न कि वास्तविक उत्पादन पर।

विधेयक में कहा गया है कि कंपनी को स्वयं अपनी उत्पादन क्षमता की घोषणा करनी होगी, हालांकि अधिकारी उसकी जांच कर पुष्टि कर सकेंगे।

विधेयक में प्रस्ताव है कि 2.5 ग्राम के 500 पाउच तक की क्षमता पर 101 लाख रुपये का मासिक उपकर देना होगा। पाउच की मात्रा या पाउच में पान मसाला की मात्रा के हिसाब से उपकर बढ़ता जायेगा।

वहीं, हाथों से होने वाली पैकिंग के लिए 11 लाख रुपये का मासिक उपकर तय किया गया है, चाहे उसकी क्षमता कुछ भी हो।

केंद्रीय उत्पाद शुल्क (संशोधन) विधेयक, 2025 में तंबाकू और तंबाकू उत्पादों पर शुल्क बढ़ाने का प्रावधान है। विधेय के उद्देश्यों एवं कथन में बताया गया है कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद उसके तहत तंबाकू और तंबाकू उत्पादों पर उपकर लगाया गया था। इस कारण इन पर उत्पाद शुल्क में बड़ी कटौती की गयी थी। अब जीएसटी में राज्यों को क्षतिपूर्ति के पूर्ण भुगतान के बाद उपकर का प्रावधान समाप्त हो जायेगा। इसलिए, उत्पाद शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है।

इसके तहत तंबाकू, बीड़ी-सिगरेट और हुक्का-चीरुट में इस्तेमाल होने वाले तंबाकू पर उत्पाद शुल्क 64 प्रतिशत से बढ़ाकर 70 प्रतिशत किया जायेगा। वहीं, तंबाकू के अपशिष्ट पर शुल्क 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 60 प्रतिशत किया जायेगा।

सिगार, चीरुट और सिगरिलोज पर उत्पाद शुल्क 12.5 फीसदी या प्रति हजार 4,006 रुपये से बढ़ाकर 25 फीसदी या प्रति हजार 5,000 रुपये किया जायेगा।

बिना फिलटर वाले 65 एमएम तक के सिगरेट पर शुल्क 200 रुपये प्रति हजार से बढ़ाकर 2,700 रुपये प्रति हजार और 65 से 70 एमएम तक पर 250 रुपये प्रति हजार से बढ़ाकर 4,500 रुपये प्रति हजार किया जायेगा। फिलटर वाले सिगरेट पर अभी लंबाई के हिसाब से 440 रुपये प्रति हजार से 735 रुपये प्रति हजार तक उत्पाद शुल्क का प्रावधान है। इसे बढ़ाकर तीन हजार रुपये से 11 हजार रुपये प्रति हजार स्टिक तक करने का प्रस्ताव है।

तंबाकू के विकल्प वाले सिगरेट, चीरुट आदि पर भी शुल्क में भारी वृद्धि का प्रस्ताव है। चबाने वाले तंबाकू और जर्दा पर कर की दर 25 फीसदी से बढ़ाकर 100 फीसदी करने का प्रस्ताव किया गया है। अन्य उत्पादों पर भी शुल्क में भारी वृद्धि का प्रावधान विधेयक में रखा गया है।

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