रायपुर , दिसंबर 01 -- ) छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने सोमवार को 'संविधान निर्माण में छत्तीसगढ़ का योगदान नामक पुस्तक का विमोचन किया।
इस मौके पर डॉ. सिंह ने सोमवार को कहा, "भारत के संविधान निर्माता के तौर पर हम सभी डॉ. भीम राव अंबेडकर को जानते हैं. लेकिन क्या हम यह भी जानते हैं कि छत्तीसगढ़ के कितने विभूतियों ने संविधान निर्माण में अपनी बड़ी और महती भूमिका निभाई है ? दुर्ग निवासी रहे घनश्याम गुप्त ने कितना बड़ा योगदान दिया है ? अधिकतर लोगों के पास इसकी जानकारी नहीं होगी. क्योंकि इस पर न तो कहीं कोई विस्तारित किताब है और न ही कहीं कोई शोधग्रंथ और न ही कहीं इसे पढ़ाया जा रहा है।"इस पुस्तक को छत्तीसगढ़ राज निर्माण और छत्तीसगढ़ी राजभाषा बनाने में अग्रणी भूमिका निभाने वाले जागेश्वर प्रसाद ने लिखा है। डॉ. सिंह ने कहा, "यह बहुत ही गौरव की बात है कि हमारे छत्तीसगढ़ के महान विभूतियों ने अपना अतुल्यनीय योगदान दिया है. संविधान का हिंदी अनुवाद करने वाले घनश्याम गुप्त से लेकर पं. रविशंकर शुक्ल, ठाकुर छेदीलाल बैरिस्टर, ठाकुर रामप्रसाद पोटाई, पं. किशोरी मोहन त्रिपाठी, ठाकुर रघुराज सिंह सहित अगम दास और अन्य शामिल रहे हैं। "उन्होंने कहा, "मैं लेखक जागेश्वर प्रसाद को बधाई देने के साथ आभार भी जताता हूँ कि उन्होंने इस विषय पर काम किया. और हमें प्रेरित किया कि इस पर और बड़ा काम किया जा सके। मैं आप सबसे यह आग्रह करता हूँ अधिक से अधिक काम छत्तीसगढ़ के महान विभूतियों पर होना चाहिए। साहित्य अकादमी के अध्यक्ष शशांक शर्मा यहाँ मौजूद हैं मैं उनसे कहना चाहूँगा कि वे संयोजक की भूमिका निभाकर इस दिशा में काम करे. संविधान निर्माण भूमिका निभाने वाले छत्तीसगढ़ के विभूतियों पर एक आधार ग्रंथ प्रकाशित हो. इसके लिए मैं हर संभव मदद करूँगा। "डॉ. रमन सिंह ने कार्यक्रम के समापन के बाद भी साहित्यकारों, लेखकों और संस्कृति विशेषज्ञों से इस पर और बातचीत की और सुझाव देने के लिए संस्कृति विशेषज्ञ अशोक तिवारी का आभार भी जताया।
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