इटावा , अक्तूबर 9 -- उत्तर प्रदेश में इटावा के बीहड़ों में प्रवाहित चंबल नदी जलीय जीव डॉल्फिन की जनसंख्या में इजाफा करने में बड़ी भूमिका निभा रही है।
राष्ट्रीय चंबल सेंचुरी में करीब 111 डॉल्फिन नजर आ रही है। साल दर साल डॉल्फिन की बढ़ती हुई संख्या की बात करे तो साल 2021 में 82,2022 में 71,2023 में 96,2024 में 111 ओर 2025 में 111 डॉल्फिन रिपोर्ट हुई है। अगर पूरी चंबल नदी की बात की जाए तो सबसे अधिक डॉल्फिन इटावा जिले के हिस्से में ही आती है। इटावा में करीब 60 की संख्या में डॉल्फिन नजर आती है। पचनदा से लेकर उदी तक करीब एक दर्जन ऐसे महत्वपूर्ण स्थान है जहां पर चम्बल नदी में डॉल्फिन को बड़ी आसानी से देखा जा सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्रीय जलीय जीव डॉल्फिन के संरक्षण की दिशा में वकालत किए जाने के बाद राष्ट्रीय चंबल सेंचुरी में डॉल्फिन की संख्या में व्यापक वृद्धि हुई है। नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत डॉल्फिन की बढ़ती संख्या कही ना कही वन्य जीव प्रेमियों के साथ साथ वन अफसरों को भी खुश कर रही है।
उत्तर प्रदेश,मध्य प्रदेश ओर राजस्थान में प्रवाहित चंबल नदी में डॉल्फिन संरक्षण में बड़ा योगदान निभाती है। गंगा समेत देश के सभी अन्य नदियों में करीब 6 हजार की संख्या में डॉल्फिन पाई जाती है इनमें अकेले 2300 के आसपास उत्तर प्रदेश में पाई जाती है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में नदी डॉल्फिन की कुल संख्या 6,327 है। इसमें सर्वाधिक संख्या के साथ उत्तर प्रदेश शीर्ष पर है।
इस अग्रणी प्रयास में आठ राज्यों की 28 नदियों का सर्वेक्षण किया गया, जिसमें 8,500 किलोमीटर से अधिक क्षेत्र को कवर करने के लिए 3150 दिन का समय लगा। उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक संख्या दर्ज की गई, उसके बाद बिहार, पश्चिम बंगाल और असम का स्थान रहा।
योगी सरकार ने वन, पर्यावरण के साथ-साथ जलीय जंतुओं के संरक्षण पर भी काफी जोर दिया है। इसी का परिणाम है कि उत्तर प्रदेश की नदियों में सर्वाधिक डॉल्फिन पाई गईं। उत्तर प्रदेश में 2397 डॉल्फिन पाई गईं। बिहार में 2220, पश्चिम बंगाल में 815 व असम में 635 डॉल्फिन पाईं गईं।
सरकार ने 17 अक्टूबर 2023 को गंगा डॉल्फिन को राज्य जलीय जीव घोषित किया है। गांगेय डाल्फिन की उपस्थिति उत्तर प्रदेश में गंगा, यमुना, चम्बल, घाघरा, राप्ती, गेरूआ आदि नदियों में पायी गयी है। पर्यावरणीय संस्था सोसाइटी फॉर कंजर्वेशन का नेचर के महासचिव डॉ.राजीव चौहान बताते है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉल्फिन संरक्षण की वकालत की है जिसके बाद से डॉल्फिन के संरक्षण की दिशा में लोग जागरूक हुए हैं आज नतीजे के तौर पर उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य डॉल्फिन संरक्षण करने वाला बन गया है सिर्फ इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश और राजस्थान तीन राज्यों में फैली चंबल नदी में भी बड़ी संख्या में डॉल्फिन देखने को मिल रही है।
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