रुद्रपुर , दिसंबर 24 -- उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने दिल्ली से दो कथित साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है। इन पर 23.55 लाख रुपये के ऑनलाइन धोखाधड़ी का आरोप है। आरोपियों ने रुद्रपुर के एक व्यक्ति को रिलायंस इंडस्ट्रीज के 'कैम्पा कोला' की डिस्ट्रीब्यूटरशिप देने के बहाने ठगी की।
एसटीएफ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) नवनीत सिंह भुल्लर ने बुधवार को इस मामले का खुलासा करते हुए बताया कि ये गिरफ्तारियां साइबर पुलिस स्टेशन, कुमाऊं रेंज, रुद्रपुर ने दिल्ली के रोहिणी पुलिस स्टेशन के विजय विहार इलाके से की हैं। उन्होंने बताया, "आरोपियों की पहचान बिहार के नवादा जिले के राम कुमार (22) और नालंदा जिले के शुभम कुमार (22) के रूप में हुई है।"श्री भुल्लर के अनुसार यह धोखाधड़ी इसी साल नवंबर में सामने आई, जब ऊधम सिंह नगर जिले के पीड़ित व्यक्ति ने रूद्रपुर स्थित साइबर क्राइम पुलिस थाना में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने कहा, "शिकायतकर्ता ने बताया कि 'कैम्पा कोला' की डिस्ट्रीब्यूटरशिप ऑनलाइन खोजते समय वह कुछ अनजान लोगों के संपर्क में आया, जिन्होंने खुद को रिलायंस इंडस्ट्रीज का अधिकारी बताया। धोखेबाजों ने कथित तौर पर पंजीकरण, सिक्योरिटी और स्टॉक के नाम पर पैसे मांगे और पीड़ित के बैंक अकाउंट से 23,55,451 रुपये कई बैंक खातों में जमा करवा दिए।"श्री सिंह ने कहा, "अपराध की गंभीरता को देखते हुए, साइबर पुलिस टीम ने संबंधित बैंकों, टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स और मेटा से धोखाधड़ी में इस्तेमाल किए गए बैंक खातों, मोबाइल नंबर और व्हाट्सएप अकाउंट्स के बारे में डाटा एकत्र किया और उसका विश्लेषण किया।" उन्होंने बताया कि जांच में पता चला कि पैसा पहले तीन बैंक खातों में जमा करवाया गया और बाद में कई अन्य खातों से होते हुए निकाल लिया गया।
श्री भुल्लर ने बताया कि बैंकों से मिले सीसीटीवी फुटेज में आरोपियों को बैंक ऑफ बड़ौदा के एटीएम से कैश निकालते हुए देखा गया। उन्होंने कहा, "बैंक अकाउंट्स और मोबाइल नंबरों के परीक्षण के आधार पर एसटीएफ टीम ने संदिग्धों का पता लगाया और उन्हें दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया।"उन्होंने कहा, "तलाशी के दौरान, पुलिस ने आरोपियों के पास से आठ मोबाइल फोन जिनमें कई सिम कार्ड थे, 27 पासबुक, 18 चेक बुक, विभिन्न बैंकों के 30 एटीएम कार्ड और पांच आधार और पैन कार्ड बरामद किए।" ज़ब्त किए गए सामान को सील कर दिया गया है और बरामद बैंक खातों का विवरण दूसरे राज्यों के अधिकारियों से पुष्टि की जा रही हैं।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित