नयी दिल्ली , दिसंबर 1 -- पेंशन और पेंशनर्स वेलफेयर विभाग (डीओपीपीडब्ल्यू ) द्वारा नवंबर माह में चलाया गया डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट (डीएलसी) अभियान 4.0 देशभर में पेंशनरों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आया है। एक माह तक चले इस अभियान ने डिजिटल तकनीक के सहारे रिकॉर्ड उपलब्धियां हासिल करते हुए 1.54 करोड़ से अधिक डीएलसी जारी किए। यह संख्या अब तक के सभी अभियानों में सबसे अधिक है।

इस बार अभियान में फेस ऑथेंटिकेशन (चेहरा प्रमाणीकरण) तकनीक की सबसे बड़ी भूमिका रही। इसके माध्यम से 91 लाख से अधिक (60 प्रतिशत) डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट जारी किए गए। यह उपलब्धि पिछले अभियान की तुलना में 230 गुना अधिक है।

यह तकनीक विशेष रूप से उन बुज़ुर्ग पेंशनरों के लिए उपयोगी साबित हुई जिनके फिंगरप्रिंट समय के साथ हल्के पड़ चुके थे या जिन्हें यात्रा करने में कठिनाई होती है। अभियान में 80 वर्ष से अधिक आयु वाले पेंशनरों को विशेष प्राथमिकता दी गई। इस वर्ग के 11 लाख से अधिक पेंशनरों को आपके द्वार दी गई सेवा से अपना लाइफ सर्टिफिकेट जमा किया। इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) और विभिन्न बैंकों ने आपके द्वार सेवा देकर महत्वपूर्ण सुविधा प्रदान की।

अभियान की व्यापकता का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि 2000 से अधिक शहरों और जिलों में 75,000 से अधिक शिविर लगाये गये। देशभर में 1.8 लाख पोस्टमैन, 1400 नोडल अधिकारी और 19 बैंकों के हजारों कर्मचारी इस अभियान में जुड़े रहे।

इसके साथ ही आधार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, रेलवे, डाक विभाग, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) और 57 पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने अभियान को व्यापक बनाने में अहम भूमिका निभाई। अभियान की सफलता में बैंकों का योगदान उल्लेखनीय रहा। एसबीआई ने 22.46 लाख, आईपीपीबी ने 4.68 लाख, पीएनबी ने 3.12 लाख डीएलसी जारी किये। बैंकों ने 250 शहरों में 1250 से अधिक विशेष डीएलसी शिविर लगाने के साथ उन पेंशनरों की मदद की, जिनके पास डिजिटल साधन उपलब्ध नहीं थे।

राज्यों चलाये गये इस अभियान में महाराष्ट्र 21.87 लाख, उत्तर प्रदेश 12.79 लाख, तमिलनाडु 12.64 लाख, पश्चिम बंगाल 10.91 लाख डीएलसी जारी किए गए। इन आंकड़ों से पता चलता है कि अभियान न केवल बड़े राज्यों में सफल हुआ बल्कि ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों तक भी प्रभावी रूप से पहुंचा। इस अभियान में कई केंद्रीय विभागों ने भी बड़ी भूमिका निभाई। रक्षा विभाग ने 28.38 लाख, रेलवे ने 6.34 लाख, डाक विभाग ने 2.50 लाख और दूरसंचार विभाग ने 3.66 लाख डीएलसी जारी किये।

सेंट्रल सिविल पेंशनरों के लिए भी 8 लाख से अधिक सर्टिफिकेट प्रक्रिया में लाए गए। आधार और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने तकनीकी सहायता देकर प्रक्रिया को सुचारू बनाए रखा।

अभियान को सफल बनाने में मीडिया की भूमिका भी महत्वपूर्ण रही। कुछ राज्यों में रेलवे और स्थानीय प्रशासन ने पेंशनरों में जागरूकता लिए नुक्कड़ नाटक का भी आयोजन किया गया।

आईपीपीबी और पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशनों की मदद से आपके द्वार सेवा के ज़रिये बुज़ुर्ग और बीमार पेंशनरों के घर जाकर डीएलसी बनाए गए।

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