गांधीनगर, सितंबर 29 -- राजस्व विभाग की अपर मुख्य सचिव डॉ. जयंती रवि ने सोमवार को कहा कि आगामी तीन और चार अक्टूबर को गांधीनगर स्थित महात्मा मंदिर में डिजिटल इंडिया, भूमि प्रबंधन और आपदा प्रबंधन पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन जाएगा।

डॉ. जयंती रवि ने कहा कि इस सम्मेलन में डिजिटल इंडिया भूमि रिकॉर्ड आधुनिकीकरण कार्यक्रम (डीआईएलआरएमपी) के लक्ष्यों को हासिल करने के विजन, नॉलेज शेयरिंग और क्षमता निर्माण, सर्वोत्तम प्रथाओं, नवाचार केस स्टडी तथा पॉलिसी स्ट्रक्चर जैसे मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।

उन्होंने इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि इस राष्ट्रीय सम्मेलन में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल सहित देश के विभिन्न राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन के कार्य से जुड़े अधिकारी शामिल होकर विचार-विमर्श करेंगे।

सम्मेलन में देश के विभिन्न राज्यों के भूमि रिकॉर्ड तथा आपदा प्रबंधन संबंधित मुद्दों, भूमि तंत्र और रिकॉर्ड के ऐतिहासिक विकास आदि मुद्दों पर चर्चा होगी। इसके साथ ही, भूमि स्वामित्व (टाइटल) और राजस्व, पेपरलेस ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, भूमि रिकॉर्ड प्रबंधन और नगर नियोजन, राजस्व और सिविल कोर्ट केस तथा पेपरलेस कोर्ट केस मैनेजमेंट सिस्टम, भूमि प्रशासन के लिए स्टाफिंग और मानव संसाधन व्यवस्था जैसे विषयों पर भी गहन चर्चा की जाएगी।

उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारी, विभिन्न राज्यों के विशेषज्ञ, एनआईसी, सर्वे ऑफ इंडिया, एनडीएमए, जीएसडीएमए, बाइसेग-एन, एनआईसी, जीएनएलयू, आईआईएम-ए, आईआईटी-गांधीनगर, इसरो, सीईपीटी, टीआईएसएस, बैंकिंग सेक्टर, टेक कंपनियां, क्रेडाई, एडवोकेट्स और लैंडस्टैक जैसी संस्थाओं के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। इस दो दिवसीय राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम में गुजरात राज्य में री-सर्वे गतिविधियां-चुनौतियां, उनके समाधान और सर्वोत्तम प्रथाओं पर भी विचार-विमर्श कर फोकस किया जाएगा। साथ ही, आपदा न्यूनीकरण क्षेत्र में सर्वोत्तम प्रथाओं पर अनुभव साझा किए जाएंगे।

डॉ. जयंती रवि ने उम्मीद जताई कि राज्य की आधुनिक सुविधाओं और राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रमों की सफल मेजबानी का अनुभव इस सम्मेलन को सफल बनाने में सहायक सिद्ध होगा। इसके साथ ही, यह सम्मेलन डिजिटल इंडिया भूमि रिकॉर्ड आधुनिकीकरण कार्यक्रम के लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।

उन्होंने इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए कहा कि इस सम्मेलन में भूमि रिकॉर्डों के आधुनिकीकरण के संदर्भ में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के अनुभवों और सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान, भूमि टाइटल और राजस्व कानूनों के संदर्भ में कानूनी सुधारों का अध्ययन, ई-रजिस्ट्रेशन, शहरी भूमि नियोजन और रीसर्वे के लिए टेक्नोलॉजी आधारित समाधानों का प्रदर्शन, आपदा न्यूनीकरण, राहत और पुनर्वास योजना में सर्वोत्तम प्रथाओं का मूल्यांकन, विवादों के निपटान की व्यवस्था सहित एकीकृत प्रौद्योगिकी-सक्षम भूमि प्रबंधन के लिए नेशनल रोडमैप तैयार करने के लिए आम सहमति बनाने जैसे विषयों पर चर्चा की जाएगी।

उल्लेखनीय है कि यह सम्मेलन सात प्रमुख थीमों पर आधारित है, जिनमें नागरिक-केंद्रित शासन के लिए राजस्व कानूनों का आधुनिकीकरण, भूमि रिकॉर्ड और रजिस्ट्रेशन सिस्टम का उन्नयन, शहरी भूमि रिकॉर्ड का निर्माण और अद्यतन, राजस्व अदालतों के मामले-प्रोसेस रीइंजीनियरिंग, पुनः सर्वेक्षण प्रयास और भूमि अधिग्रहण, वर्तमान वास्तविकताएं और आगे का मार्ग, आपदा प्रबंधन में सर्वोत्तम प्रथाएं और अनुभव साझा करना और आधुनिक भूमि प्रशासन के लिए मानव संसाधन नियोजन शामिल हैं।

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