रांची, अक्टूबर 14 -- झारखंड केमुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की अध्यक्षता में आज यहां आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में पश्चिमी सिंहभूम जिला अंतर्गत सांरण्डा वन अभ्यारण क्षेत्र घोषित किए जाने को लेकर विस्तृत चर्चा हुई।
बैठक में बताया गया कि राज्य सरकार द्वारा इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष जवाब दाखिल किया जाना है। चर्चा के दौरान इस बात पर सहमति बनी कि सारंडा वन क्षेत्र में रहने वाले लोगों को सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक विरासत सहित अन्य दिनचर्या से संबंधित पहलुओं पर किसी प्रकार का कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े। सारंडा वन क्षेत्र में रहने वाले लोगों के साथ किसी प्रकार का अन्याय नही हो। वन अधिनियम कानून के तहत उनके जल, जंगल, जमीन की रक्षा होती रहे। किसी भी हाल में वहां निवास करने वाले लोग विस्थापित नही हो तथा केंद्र एवं राज्य सरकार की सभी योजनाओं का लाभ उन्हें मिलता रहे। वे सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से पूर्व की भांति अपना सामान्य जीवन व्यतीत करें।
बैठक में नगरपालिका निर्वाचन (आम) में पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण निर्धारण के लिए पिछड़े वर्गों के लिए राज्य आयोग, झारखण्ड से प्राप्त अनुशंसा एवं पिछड़े वर्गों के आरक्षण का प्रतिशतता निर्धारण तथा झारखण्ड नगरपालिका निर्वाचन एवं चुनाव याचिका नियमावली, 2012 में संशोधन की स्वीकृति दी गई।
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