रांची , दिसंबर 23 -- झारखंड में आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ करने की दिशा में एक अहम कदम उठाया गया है।
वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए झारखंड पुलिस मुख्यालय को केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त सहयोग से संचालित एसआरई (सिक्योरिटी रिलेटेड एक्सपेंडिचर) योजना के तहत कुल 43.66 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है। इस संबंध में गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने औपचारिक आदेश जारी कर दिया है।
जारी आदेश के अनुसार, स्वीकृत राशि एसआरई योजना के दोनों घटकों के अंतर्गत दी गई है। इसमें एक हिस्सा 100 प्रतिशत केंद्र प्रायोजित मद के तहत है, जबकि दूसरा हिस्सा 60:40 के अनुपात (केंद्र : राज्य) में साझा किया गया है। कुल 43.66 करोड़ रुपये में से केंद्र सरकार का योगदान 35.99 करोड़ रुपये तथा राज्य सरकार का अंश 7.66 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है।
फंड की निकासी और उपयोग को लेकर सरकार ने सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। आदेश में आईजी अभियान, झारखंड, रांची को इस राशि का निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी नियुक्त किया गया है। इसका अर्थ है कि फंड की निकासी और खर्च की पूरी जिम्मेदारी आईजी अभियान के अधीन होगी।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि स्वीकृत राशि का उपयोग केवल उन्हीं मदों और कार्यों पर किया जाएगा, जिनके लिए इसे स्वीकृति प्रदान की गई है। किसी भी स्थिति में राशि का दुरुपयोग या निर्धारित मद से इतर खर्च स्वीकार्य नहीं होगा। इसके साथ ही यह भी निर्देश दिया गया है कि निकाली गई राशि लेप्स नहीं होनी चाहिए, यानी तय समय-सीमा के भीतर उसका पूर्ण उपयोग सुनिश्चित किया जाए।
गौरतलब है कि एसआरई फंड का उपयोग मुख्य रूप से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा से जुड़े खर्चों के लिए किया जाता है। इसमें सुरक्षाबलों की आवाजाही, हथियारों और आधुनिक उपकरणों की खरीद, खुफिया तंत्र को मजबूत करने, अभियान के दौरान होने वाले आकस्मिक खर्च तथा अन्य सुरक्षा संबंधी आवश्यकताएं शामिल हैं।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, इस फंड से झारखंड पुलिस की ऑपरेशनल क्षमता में इजाफा होगा और नक्सल प्रभावित इलाकों में शांति एवं कानून-व्यवस्था बनाए रखने में मदद मिलेगी। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर राज्य सरकार की यह स्वीकृति आने वाले समय में पुलिस के लिए एक महत्वपूर्ण संबल मानी जा रही है।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित