झांसी , अक्टूबर 02 -- उत्तर प्रदेश के झांसी में जहां एक ओर नवरात्र के नौ दिनों तक विभिन्न देवी के पंडालों में पूरे भक्तिभाव से श्रद्धालुओं द्वारा किये गये पूजा अर्चना के बाद गुरुवार को मूर्ति विसर्जन किया गया वहीं दूसरी ओर बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में रावण, मेघनाद और कुंभकरण तीनों के पुतलों का दहन किया गया।

नवरात्र के दौरान महानगर में 950 मूर्तियों की स्थापना विभिन्न पंडालों में की गयी और इन सभी पंडालों में पूरे भक्ति भाव से श्रद्धालुओं द्वारा नौ दिन तक मां की पूजा अर्चना की। आज महिषासुर वध के प्रतीक के रूप में मनाये जाने वाले विजयादशमी पर्व पर माता की सभी मूर्तियों का विसर्जन किया गया।

प्रशासन ने इन प्रतिमाओं के विसर्जन के दिन तीन जगहों पर व्यवस्था की है। इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनात की गयी शहर के पुराने इलाके से होकर लक्ष्मीताल में विसर्जन के लिए जाने वाली देवी की मूर्तियों को लेकर पुलिस प्रशासन की ओर से विशेष तैयारी की गयी। यह इलाका काफी तंग है, जिससे होकर प्रतिमाओं को निकालना होता है और माता के विभिन्न स्वरूपों के दर्शन के लिए इस दौरान रास्तों पर बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ भी उमड़ती है। संकरे इलाके में बड़ी भीड़ को संभालने के लिए पुलिस प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की।

देवी मूर्ति विसर्जन मार्ग को सीसीटीवी कैमरों से तो लैस किया ही गया साथ ही मार्ग पर और विसर्जन स्थल पर ड्रोन से भी निगरानी करायी गयी। पुरुष पुलिसकर्मियों के साथ-साथ इस दौरान महिला पुलिसकर्मी भी पूरी मुस्तैदी से अपनी तैनाती स्थल पर नजर आयीं।

दूसरी ओर क्राफ्ट मेला मैदान पर दशहरा के अवसर पर रावण, मेघनाद और कुंभकरण के तीन विशाल पुतलों के दहन का कार्यक्रम भी जबरदस्त भीड़ के बीच सकुशल संपन्न कराया गया।

जिला प्रशासन के आला अधिकारियों ने लोगों को विजयदशमी पर्व की शुभकामनाएं दी और इन भव्यों आयोजनों के सफल क्रियान्वयन एवं समापन में पूरा सहयोग के लिए आमजन को धन्यवाद भी दिया।

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