जौनपुर , दिसम्बर 19 -- जौनपुर जिले के कलेक्ट्रेट में स्थित क्रांति स्तम्भ पर शुक्रवार को हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन आर्मी व लक्ष्मी बाई ब्रिगेड के कार्यकर्ताओं ने काकोरी काण्ड के तीन महानायको पंडित राम प्रसाद विस्मिल , अशफ़ाक़ उल्लाह खान व ठाकुर रोशन सिंह का 98 वां बलिदान दिवस मनाया।
इस अवसर पर कार्यकर्ताओं ने क्रांति स्तम्भ पर मोमबत्ती व अगरबत्ती जलाया और दो मिनट का मौन रखकर आजादी के लड़ाई के पुरोधा एवं काकोरी काण्ड के महानायकों को श्रद्धांजलि दी।
क्रांति स्तम्भ पर मौजूद लोगों को सम्बोधित करते हुए लक्ष्मी बाई ब्रिगेड की अध्यक्ष मंजीत कौर ने कहा कि देश की आजादी की लड़ाई के समय चार महान क्रान्तिकारियो राजेंद्र नाथ लाहिणी , पंडित राम प्रसाद विस्मिल, अशफ़ाक़ उल्लाह खान और ठाकुर रोशन सिंह ने भारत के खजाना को लेकर जा रही ट्रेन को लखनऊ के काकोरी में 09 अगस्त 1925 में लूटकर बर्तानियां हुकूमत को ललकारा और 6065 रूपये किसान मजदूरों का है कहते हुए अंग्रेजो को नहीं ले जाने दिया जिससे अंग्रेजों ने उन्हे गिरफ्तार किया और इन चारों देश के सपूतों को फांसी दे दी गयी।
फांसी की सजा होने के पश्चात अशफाक उल्ला खान, राजेंद्र नाथ लाहिड़ी, पंडित राम प्रसाद बिस्मिल और ठाकुर रोशन सिंह के सामने रोने लगे, तो पंडित राम प्रसाद बिस्मिल ने पूछा के अशफाक उल्ला खान क्या हो गया तुम रो रहे हो, तो अशफ़ाकउल्ला खान ने जवाब दिया पंडित जी आप तो हिंदू है और हिंदू में पुनर्जन्म होता है, मुझे इसी बात का कष्ट है कि मैं मुसलमान हूं, मेरे यहां पुनर्जन्म नहीं होता, यदि मेरा पुनर्जन्म होता है, तो मैं दोबारा जन्म लेकर के देश की आजादी के लिए लड़ाई फिर से लड़ता, इसीलिए मैं रो रहा हूं कि मेरा पुनर्जन्म नहीं होगा और मैं देश के लिए अब नहीं लड़ पाऊंगा।
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