नमाज जुमा अलर्टलखनऊ , अक्टूबर 03 -- उत्तर प्रदेश के बरेली में शुक्रवार को मस्जिदों में जुमे की नमाज़ से पहले तनाव के बीच इंटरनेट बंद कर दिया गया है, सड़कें सुनसान हैं और सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है।

पिछले हफ़्ते 'आई लव मुहम्मद' पोस्टर विवाद को लेकर एक प्रदर्शन रद्द होने के बाद शहर में हिंसा भड़क उठी थी। जुमे की नमाज़ के बाद एक मस्जिद के बाहर 2,000 से ज़्यादा प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झड़प हुई थी, जिसके बाद 81 लोगों को गिरफ़्तार किया गया था।

एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक़ क्षेत्र के चार ज़िलों में चार अक्टूबर को दोपहर 3 बजे तक इंटरनेट सेवायें बंद रहेंगी। गुरुवार दोपहर 3 बजे से शुरू हुआ यह प्रतिबंध दशहरा समारोह के मद्देनज़र लगाया गया था। इंटरनेट पर यह प्रतिबंध फ़ेसबुक, यूट्यूब और व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म के ज़रिए अफ़वाहें फैलने और सांप्रदायिक तनाव भड़काने से रोकने के लिए लगाया गया है।

इसके अलावा, गृह सचिव गौरव दयाल की एक अधिसूचना में कहा गया है कि एसएमएस सेवाएँ, मोबाइल इंटरनेट और डेटा, साथ ही ब्रॉडबैंड और वायरलेस कनेक्शन भी बंद रहेंगे। इंटरनेट सेवा बंद करने के अलावा, बरेली में सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी कर दी गई है। पुलिस, प्रांतीय सशस्त्र बल (पीएसी) और रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) के जवान सड़कों पर तैनात हैं और हवा में ड्रोन भी उड़ाए जा रहे हैं।

मंडलायुक्त भूपेंद्र एस चौधरी ने कहा, "सभी जिलाधिकारियों, उप-जिलाधिकारियों, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को अपनी ज़िम्मेदारियों का गंभीरता से निर्वहन करना चाहिए। किसी भी चूक पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।" बरेली के अलावा, उत्तर प्रदेश के शाहजहाँपुर, पीलीभीत और बदायूँ ज़िलों में भी हाई अलर्ट जारी किया गया है। एक अधिकारी ने कहा, "संवेदनशील स्थानों पर सशस्त्र पुलिस बल तैनात किए जा रहे हैं। हम पूरी तरह से पुख्ता इंतजाम कर रहे हैं ताकि बरेली में हुई हिंसा पड़ोसी ज़िलों में न फैले।"गौरतलब है कि "आई लव मुहम्मद" अभियान के समर्थन में मौलवी तौकीर रज़ा खान द्वारा किए गए प्रदर्शन के आह्वान के बाद पिछले हफ़्ते बरेली में बड़े पैमाने पर हिंसा भड़क उठी। शहर की एक मस्जिद के बाहर लगभग 2,000 लोगों की भारी भीड़ प्रदर्शन में शामिल होने के लिए इकट्ठा हो गई थी।

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