नयी दिल्ली , अक्टूबर 11 -- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) में नये सुधारों से गांव के लोगों को, किसानों-पशुपालकों को बड़ा फायदा हुआ है और कृषि मशीनों के सस्ता होने से ट्रैक्टर की मांग बढ़ी है।
उन्होंने पिछली सरकारों पर खेती-बाड़ी के क्षेत्र और किसानों की जरूरतों पर उचित ध्यान न देने का अरोप लगाया और कहा कि पिछले 11 साल में खेती का बजट कई गुणा बढाया गया है, किसानों को सीधे उनके खातों में सहायता दी जा रही है और खेती और सहायक क्षेत्रों को मजबूत बनाने के लिए नयी-नयी योजनाएं प्रभावी तरीके से लागू की गयी हैं।
श्री मोदी राजधानी के पूसा परिसर में देश भर में कृषि खेत्र से संबंधित 42 हजार करोड़ रुपये की योजनाओं परियोजनाओं का उद्घाटन, शिलान्यास एवं लोकार्पण कर रहे थे। इनमें 24,000 करोड़ रुपये के परिव्यय वाली प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना और 11,440 करोड़ रुपये का "दलहन में आत्मनिर्भरता मिशन" ये दो प्रमुख कार्यक्रम शामिल हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, 'अभी जो जीएसटी में नया सुधार हुआ है, अभी शिवराज जी बड़े उत्साह से उसकी बात कर रहे थे, इसका भी बहुत अधिक फायदा गांव के लोगों को, किसानों-पशुपालकों को हुआ है। अभी जो बाज़ार में से खबरें आ रही हैं, वो बताती हैं कि त्योहारों के इस सीज़न में किसान बड़ी संख्या में ट्रैक्टर खरीद रहे हैं। क्योंकि ट्रैक्टर और भी सस्ते हुए हैं।" इस कार्यक्रम में मंच पर कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान , पंचायत राज एवं मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी विभाग के मंत्री राजीव रंजन सिंह और राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी उपस्थित थे। इसके अलावा विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री, सांसद, विधायक, अन्य गणमान्य व्यक्ति और देशभर से महिला और पुरुष किसान वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े थे।
श्री मोदी ने कहा अभी जो बाज़ार में से खबरें आ रही हैं, वो बताती हैं कि त्योहारों के इस सीज़न में किसान बड़ी संख्या में ट्रैक्टर खरीद रहे हैं। क्योंकि ट्रैक्टर और भी सस्ते हुए हैं। जब देश में कांग्रेस सरकार थी, तो किसान को हर चीज़ महंगी ही पड़ती थी। आप ट्रैक्टर ही देखिए, एक ट्रैक्टर पर कांग्रेस की सरकार सत्तर हज़ार रुपए का टैक्स लेती थी। वहीं जीएसटी में नए सुधार के बाद वही ट्रैक्टर में सीधे करीब चालीस हज़ार रुपए सस्ता हो गया है।
उन्होंने कहा कि किसानों के उपयोग की बाकी मशीनों पर भी जीएसटी बहुत कम किया गया है। धान रोपने की मशीन अब पंद्रह हज़ार रुपए की , पावर टिलर पर दस हजार रुपए की और थ्रैशर पर पच्चीस हजार रुपए तक की कर की बचत होगी। टपक सिंचाई, फव्वारा सिंचाई से जुड़े उपकरण हों, कटाई मशीन हो, सभी पर जीएसटी में भारी कमी की गई है।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती में इस्तेमाल होने वाली खाद और कीटनाशक , जीएसटी कम होने से सस्ते हो गए हैं। रोजमर्रा का सामान भी सस्ता हुआ है, इस तरह किसानों को जीएसटी सुधार का दोहरा लाभ हुआ है।
प्रधानमंत्री ने कहा , 'कांग्रेस सरकार, एक साल में खेती पर जितना खर्च करती थी उतना तो भाजपा-राजग की सरकार, एक बार में पीएम किसान सम्मान निधि के रूप में किसानों के बैंक खाते में जमा कर देते हैं। अब तक 3 लाख 75 हजार करोड़ रुपए सीधे पीएम किसान सम्मान निधि के आपके बैंक खातों में भेजे जा चुके हैं।
उन्होंने कहा, " बीते 11 वर्षों से सरकार का निरंतर प्रयास रहा है कि किसान सशक्त हो, खेती पर ज्यादा निवेश हो। इस अवधि में खेती का बजट करीब छह गुणा बढ़ गया है। इस बढ़े हुए बजट का सबसे अधिक फायदा हमारे छोटे किसानों को हुआ है।"श्री मोदी ने कहा कि देश में किसानों को खाद पर सब्सिडी दी जाती है। "कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार ने मेरे आने से पहले 10 साल में 5 लाख करोड़ रुपये की खाद सब्सिडी दी थी। हमारी सरकार ने, भाजपा-राजग की सरकार ने पिछले 10 साल में खाद में, खाद में जो सब्सिडी है, वह 13 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा है। "प्रधानमंत्री ने भारत को कृषि उत्पादन में आत्म निर्भर बनाने और विश्व के लिए उत्पादन करने का सामर्थ्य बढ़ाने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि बीते 11 वर्षों में, भारत का कृषि निर्यात करीब-करीब दो गुणा हो गया, अनाज उत्पादन पहले से करीब-करीब 9 करोड़ टन तथा फल और सब्जियों का उत्पादन 640 लाख टन से ज्यादा बढ़ गया है।
उन्होंने कहा कि भारत आज दूध उत्पादन में दुनिया में पहले नंबर पर है और मछली उत्पादन में दूसरा बड़ा देश है। शहद और अंडे का उत्पादन भी बीते 11 वर्षों में दोगुना हो गया है। इस दौरान देश में 6 बड़ी रासायनिक उर्वरक कारखाने चालू किये गए हैं। 25 करोड़ से ज़्यादा मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसानों को मिले हैं, 100 लाख हेक्टेयर में सूक्ष्म सिंचाई की सुविधा पहुंची है, पीएम फसल बीमा योजना से करीब दो लाख करोड़ रुपये क्लेम के रूप में किसानों को मिले हैं जो छोटा आंकड़ा नहीं है।
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