नयी दिल्ली , अक्टूबर 02 -- राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) को वस्तु और सेवाकर (जीएसटी) सुधार के कार्यान्वयन के संबंध में अब तक 3,981 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनमें 31 प्रतिशत प्रश्न और 69 प्रतिशत शिकायतें शामिल हैं।
उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की गुरुवार को जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार उपभोक्ता कार्य विभाग इन शिकायतों के समाधान पर कड़ी नजर रख रहा है। शिकायतों को त्वरित कार्रवाई के लिए संबंधित ब्रांड मालिकों और ई-कॉमर्स संस्थाओं तक पहुँचा दिया गया है। इसके अलावा आवश्यकता पड़ने पर सामूहिक कार्रवाई शुरू करने के लिए इन शिकायतों की विस्तृत समीक्षा शुरू की गयी है।
कुल शिकायतों में से, 1,992 जीएसटी-संबंधी शिकायतों को उचित कार्रवाई के लिए केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) को भेज दिया गया है, जबकि 761 शिकायतों को समाधान के लिए संबंधित कन्वर्जेंस कंपनियों को तत्काल भेजा गया है।
शिकायतें इस विषय से संबंधित है कि किन वस्तुओं पर जीएसटी में कटौती हुई है और किन पर नहीं। दूध के मूल्य निर्धारण से संबंधित शिकायतों की संख्या भी बड़ी बतायी गयी है। ऐसी शिकायतों बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं को लगा है कि दूध कंपनियों को ताज़ा दूध की कीमतें कम करनी चाहिए थी जबकि वे पहले वाली कीमतें वसूल रही हैं।
सीसीपीए ने इस मामले की जाँच के बाद पाया है कि ताज़ा दूध पहले से ही जीएसटी से मुक्त है। हाल ही में जीएसटी दर सुधारों में यूएचटी दूध को भी छूट दी गई है।
शिकायतों का एक और बड़ा समूह ई-कॉमर्स वेबसाइटों के माध्यम से खरीदे गए इलेक्ट्रॉनिक सामानों से संबंधित था। उपभोक्ताओं ने शिकायत की है कि ऑनलाइन खरीदे गए लैपटॉप, रेफ्रिजरेटर, वाशिंग मशीन और अन्य टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं पर अब भी जीएसटी सुधार-पूर्व जीएसटी दरें लागू हैं और कर में कमी का कोई लाभ उन्हें नहीं दिया जा रहा है।
सीसीपीए के विश्लेषण से पता चला है कि जीएसटी सुधारों के अंतर्गत टीवी, मॉनिटर, डिशवाशिंग मशीन और एसी पर जीएसटी दर 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दी गई है। लैपटॉप, रेफ्रिजरेटर, वाशिंग मशीन आदि जैसे सामान पहले से ही 18 प्रतिशत की दर पर हैं।
शिकायतों का एक तीसरा समूह घरेलू एलपीजी सिलेंडरों से संबंधित था। सीसीपीए ने स्पष्ट किया है कि घरेलू उपभोक्ताओं के लिए एलपीजी पर लागू जीएसटी दर में कोई बदलाव नहीं किया गया है और घरेलू एलपीजी पर 5 प्रतिशत जीएसटी की दर जारी रहेगी।
पेट्रोल की कीमतों के संबंध में शिकायतों का एक और समूह सामने आया है जिसमें कई उपभोक्ताओं ने शिकायत दर्ज कराई कि पेट्रोल की कीमतें कम नहीं हुई हैं। सीसीपीए ने स्पष्ट किया है कि पेट्रोल जीएसटी के दायरे से बाहर है।
सीसीपीए इन शिकायतों के निपटान पर कड़ी निगरानी रख रहा है और जहाँ भी उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन पाया जाएगा, वहाँ आगे की कार्यवाही शुरू करेगा।
जीएसटी-संबंधी शिकायत रिपोर्टिंग के पहले सप्ताह से यह संदेश उभरा है कि शिकायत निवारण प्रणाली में उपभोक्ता सक्रिय और उत्साहपूर्वक भाग ले रहे हैं। बयान में कहा गया है कि यह विभाग द्वारा बनाए गए संस्थागत तंत्रों के प्रति जागरूकता और विश्वास, दोनों को दर्शाता है।
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