श्रीनगर , अक्टूबर 07 -- जम्मू-कश्मीर प्रशासन बडगाम और नगरोटा निर्वाचन क्षेत्रों में उपचुनाव के लिये पूरी तरह तैयार है।
बडगाम और नगरोटा विधानसभा सीटों पर 11 नवंबर को मतदान होगा जबकि मतगणना 14 को होगी।
बडगाम सीट मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला द्वारा गंदेरबल सीट बरकरार रखने और बडगाम से इस्तीफा देने के बाद खाली हुयी थी । इस कदम को मध्य कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस(नेकां) के प्रभाव को मजबूत करने के रणनीतिक प्रयास के रूप में देखा गया। नेकां के लिए गंदेरबल प्रतीकात्मक और राजनीतिक महत्व रखता है।
जम्मू में भारतीय जनता पार्टी वरिष्ठ नेता और विधायक देवेंद्र सिंह राणा के निधन के बाद नगरोटा सीट खाली हुयी थी। पिछले साल सरकार बनने के बाद ये उपचुनाव जनता की भावनाओं का पैमाना साबित होंगे। बडगाम में नेकां की चुनाव बाद की शक्ति का आकलन होगा जबकि नगरोटा में जम्मू क्षेत्र में भाजपा के निरंतर प्रभाव का आकलन होगा।
बडगाम में नेकां ने अभी तक अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है हालांकि प्रमुख उम्मीदवारों में मुख्यमंत्री के सलाहकार नासिर वानी और आगा महमूद शामिल हैं। पार्टी को सांसद रूहुल्लाह मेहदी के साथ सामंजस्य बिठाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि वह जनादेश की अनदेखी करने तथा जम्मू-कश्मीर के संवैधानिक अधिकारों के लिए नहीं लड़ने के लिए अब्दुल्ला सरकार की आलोचना करते रहे हैं।
श्री रुहुल्ला पिछले कई वर्षों से बडगाम में पार्टी का चेहरा रहे हैं और अतीत में वहां से कई चुनाव जीत चुके हैं। पिछले विधानसभा चुनावों में श्री रूहुल्लाह ने बडगाम में श्री अब्दुल्ला के लिए जमकर प्रचार किया था। श्री अब्दुल्ला ने बडगाम में 35,804 वोटों से जीत दर्ज की थी और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के आगा सैयद मुंतज़िर मेहदी को हराया था जिन्हें 17,445 वोट मिले थे।
नेकां के वरिष्ठ नेता तनवीर सादिक ने कहा कि बडगाम से उम्मीदवार की घोषणा में कुछ दिन लगेंगे। उन्होंने कहा कि हम एक मज़बूत ताकत हैं और बडगाम में जीतेंगे।
पीडीपी मुंतज़िर मेहदी को फिर से मैदान में उतार सकती है।पीडीपी के एक नेता ने कहा कि पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति जल्द ही दोनों सीटों के लिए उम्मीदवारों पर फैसला लेने के लिए बैठक करेगी।
नगरोटा सीट पर भाजपा दिवंगत विधायक देवेंद्र राणा की बेटी देवयानी राणा को उम्मीदवार बना सकती है। पिछले चुनाव में स्व. राणा ने नेकां के जोगिंदर सिंह को 30,472 वोटों से हराया था जिसमें नेकां और कांग्रेस के बीच दोस्ताना मुकाबला था।
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